
- चीन ने बीजिंग में बड़ी विक्ट्री परेड का आयोजन किया, जिसमें उसने अपने तमाम खतरनाक हथियार दिखाए
- इस परेड में चीन के साथ रूस, नॉर्थ कोरिया और ईरान के शीर्ष नेता भी शामिल हुए
- दुनिया के ताकतवर नेताओं को चीन के साथ खड़ा देख अमेरिका को तकलीफ हो सकती है
China Victory Parade: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ के हथियार से दुनियाभर के देशों पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ चीन ने अब अमेरिका को अपनी विक्ट्री परेड से एक बड़ा मैसेज दे दिया है. चीन की विक्ट्री परेड में शी जिनपिंग के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेशकियन नजर आए. इन तीनों परमाणु ताकत वाले देशों के नेताओं की साथ चलते हुए जो तस्वीर दिखी, उससे ट्रंप जरूर असहज महसूस कर रहे होंगे.
ट्रंप की आंख में खटकने वाली तस्वीर
दुनिया के ताकतवर देशों के मुखिया चीन की राजधानी बीजिंग में हो रही मिलिट्री परेड में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. सबसे खास बात ये है कि रूस और नॉर्थ कोरिया की अमेरिका के साथ पिछले लंबे वक्त से तनातनी रही है. ऐसे में इन देशों का चीन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना ट्रंप की आंखों में जरूर खटकेगा.
आपदा में अवसर खोज रहा चीन?
अमेरिका की दुनियाभर के देशों से बेरुखी का अब चीन फायदा उठाना चाहता है. कुछ दिन पहले SCO समिट में दुनिया के तमाम बड़े नेता चीन में नजर आए, जिनमें पीएम मोदी भी शामिल थे. इसके बाद अब परेड में अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए दुनिया की बड़ी ताकतों को अपने देश बुला लिया. इसके अलावा चीन कई देशों के साथ द्विपक्षीय सैन्य सम्मेलन भी करने जा रहा है. ये पूरी कवायद चीन की कूटनीति का हिस्सा है, जिससे अमेरिका तक साफ और सीधा मैसेज दिया जाए.
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चीन की ताकत से अमेरिका को डर
चीन की ग्लोबल पावर से सबसे ज्यादा डर अमेरिका को लगता है, अमेरिका कभी नहीं चाहता है कि चीन और रूस जैसे देश एक साथ आएं. साथ ही अमेरिका को बार-बार धमकी देने वाले किम जोंग उन का चीन की परेड में शामिल होना उसके लिए एक चुनौती की तरह है. एशिया रीजन में अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती और टक्कर देने वाला देश चीन है. यही वजह है कि चीन के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका तमाम कोशिशें करता रहता है.
अमेरिका के राइटर जॉन मियरशाइमर ने आज से करीब 10 साल पहले अपनी एक किताब 'द ट्रेजडी ऑफ ग्रेट पावर पॉलिटिक्स' में ये साफ किया था कि चीन का बड़ा होना, अमेरिका के लिए काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. उन्होंने इसमें लिखा था कि अगर रूस और चीन साथ आएं तो ये अमेरिका के लिए बड़ा खतरा होगा.
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