दलाई लामा (फाइल फोटो)
बीजिंग:
चीन ने अमेरिकी सांसदों के एक शिष्टमंडल के भारत में दलाई लामा से मिलने पर अमेरिका के समक्ष राजनयिक विरोध जताते हुए कहा है कि इस कदम से दुनिया को ' गलत संकेत ' जाता है और यह अमेरिका के तिब्बत की स्वतंत्रता को समर्थन नहीं देने की प्रतिबद्धता का उल्लंघन करता है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से कहा, '14वें दलाई लामा राजनीतिक तौर पर निर्वासित हैं, वे धर्म की आड़ में लंबे समय से अन्य देशों में चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं ' . प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैन्सी पेलोसी के नेतृत्व में कांग्रेस के द्विदलीय शिष्टमंडल ने कल हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु 81 वर्षीय दलाई लामा से मुलाकात की थी. शुआंग इससे संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे.
शुआंग ने कहा, ' दलाई लामा तिब्बती स्वतंत्रता समूह के प्रमुख भी हैं ' . उनसे पूछा गया था कि अमेरिका में नई सरकार आने के बाद से अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का यह पहला दौरा तिब्बत के प्रति क्या उनकी प्रशासनिक नीति का संकेत देता है.
उन्होंने कहा, ' इस मुलाकात से तिब्बत स्वतंत्रता को समर्थन देने के बारे में विश्व को बहुत गलत संकेत गया है. इससे अमेरिका के तिब्बत की स्वतंत्रता को समर्थन नहीं देने की प्रतिबद्धता का उल्लंघन होता है '. शुआंग ने कहा, ' हम इसका मजबूती से विरोध करते हैं और अमेरिकी पक्ष के साथ यह जता दिया है. हम अमेरिका के संबद्ध अधिकारियों से तिब्बत संबंधी मुद्दों से उचित ढंग से निबटने की मांग करते हैं और चाहते हैं कि दलाई लामा के साथ सभी तरह के संपर्क रेाक दिए जाएं और नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए तुरंत उपाए किए जाएं '. पहले की खबरों में कहा गया था कि चीन ने ट्रंप से कहा था कि दलाई लामा के साथ कोई बैठक ना की जाए.
बराक ओबामा समेत पूर्ववर्ती अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने दलाई लामा से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद पैलोसी ने कहा, ' हमने दलाई लामा से मुलाकात की. हम उनकी प्रेरणा से यहां आए और तिब्बती लोगों, उनके विश्वास, उनकी संस्कृति तथा उनकी भाषा के साथ अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने यहां आए '. चीन दलाई लामा को एक ऐसे अलगाववादी के रूप में देखता है जो तिब्बत को चीन से अलग करवाना चाहता है. वह इस नेता से किसी भी नेता या सरकारी अधिकारी के मिलने पर आपत्ति करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से कहा, '14वें दलाई लामा राजनीतिक तौर पर निर्वासित हैं, वे धर्म की आड़ में लंबे समय से अन्य देशों में चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं ' . प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैन्सी पेलोसी के नेतृत्व में कांग्रेस के द्विदलीय शिष्टमंडल ने कल हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु 81 वर्षीय दलाई लामा से मुलाकात की थी. शुआंग इससे संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे.
शुआंग ने कहा, ' दलाई लामा तिब्बती स्वतंत्रता समूह के प्रमुख भी हैं ' . उनसे पूछा गया था कि अमेरिका में नई सरकार आने के बाद से अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का यह पहला दौरा तिब्बत के प्रति क्या उनकी प्रशासनिक नीति का संकेत देता है.
उन्होंने कहा, ' इस मुलाकात से तिब्बत स्वतंत्रता को समर्थन देने के बारे में विश्व को बहुत गलत संकेत गया है. इससे अमेरिका के तिब्बत की स्वतंत्रता को समर्थन नहीं देने की प्रतिबद्धता का उल्लंघन होता है '. शुआंग ने कहा, ' हम इसका मजबूती से विरोध करते हैं और अमेरिकी पक्ष के साथ यह जता दिया है. हम अमेरिका के संबद्ध अधिकारियों से तिब्बत संबंधी मुद्दों से उचित ढंग से निबटने की मांग करते हैं और चाहते हैं कि दलाई लामा के साथ सभी तरह के संपर्क रेाक दिए जाएं और नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए तुरंत उपाए किए जाएं '. पहले की खबरों में कहा गया था कि चीन ने ट्रंप से कहा था कि दलाई लामा के साथ कोई बैठक ना की जाए.
बराक ओबामा समेत पूर्ववर्ती अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने दलाई लामा से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद पैलोसी ने कहा, ' हमने दलाई लामा से मुलाकात की. हम उनकी प्रेरणा से यहां आए और तिब्बती लोगों, उनके विश्वास, उनकी संस्कृति तथा उनकी भाषा के साथ अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने यहां आए '. चीन दलाई लामा को एक ऐसे अलगाववादी के रूप में देखता है जो तिब्बत को चीन से अलग करवाना चाहता है. वह इस नेता से किसी भी नेता या सरकारी अधिकारी के मिलने पर आपत्ति करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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