फाइल फोटो...
बीजिंग:
चीन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए विवादित दक्षिण चीन सागर, पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत में अत्याधुनिक युद्धपोतों, हेलीकॉप्टरों और 'विशेष युद्धक' सैनिकों के साथ सैन्य अभ्यास शुरू किया है।
मिसाइल विध्वंसक भी सैन्य अभ्यास में शामिल
सरकारी संवाद समिति शिंहुआ ने बताया कि चीन के नन्हाई बेड़े के नौसेना के तीन पोत कल हैनान प्रांत के सान्या में नौसैन्य बंदरगाह से रवाना हुए और इसके साथ ही दक्षिण चीन सागर, पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिम प्रशांत में सालाना सैन्य अभ्यास आरंभ हुआ। तीन पोतों में मिसाइल विध्वंसक हेफेई, मिसाइल फ्रिगेट सान्या और आपूर्ति पोत होंगघु शामिल हैं। बाद में मिसाइल विध्वंसक लांझोउ और ग्वांगझोउ और मिसाइल फ्रिगेट युलिन भी युद्ध अभ्यास में जुड़ेंगे जो अभी दूसरे कार्यों पर तैनात हैं।
हेलीकॉप्टरों, दर्जनों 'विशेष युद्धक' जवानों वाले बेड़े करेंगे युद्धाभ्यास
तीन हेलीकॉप्टरों और दर्जनों 'विशेष युद्धक' जवानों वाले बेड़े को तीन समूहों में विभाजित किया जाएगा जो दक्षिण चीन सागर, पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत में विभिन्न युद्धाभ्सास करेंगे। नौसेना ने कहा कि इस सैन्य अभ्यास का मकसद युद्ध के समय तत्परता को बढ़ाना और पोतों एवं विमानों एवं अन्य बलों के बीच समन्वय का अभ्यास करना है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जिस पर वियतनाम एवं फिलीपींस, मलेशिया एवं ब्रुनेई जैसे अन्य कई एशियाई देश भी दावा करते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मिसाइल विध्वंसक भी सैन्य अभ्यास में शामिल
सरकारी संवाद समिति शिंहुआ ने बताया कि चीन के नन्हाई बेड़े के नौसेना के तीन पोत कल हैनान प्रांत के सान्या में नौसैन्य बंदरगाह से रवाना हुए और इसके साथ ही दक्षिण चीन सागर, पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिम प्रशांत में सालाना सैन्य अभ्यास आरंभ हुआ। तीन पोतों में मिसाइल विध्वंसक हेफेई, मिसाइल फ्रिगेट सान्या और आपूर्ति पोत होंगघु शामिल हैं। बाद में मिसाइल विध्वंसक लांझोउ और ग्वांगझोउ और मिसाइल फ्रिगेट युलिन भी युद्ध अभ्यास में जुड़ेंगे जो अभी दूसरे कार्यों पर तैनात हैं।
हेलीकॉप्टरों, दर्जनों 'विशेष युद्धक' जवानों वाले बेड़े करेंगे युद्धाभ्यास
तीन हेलीकॉप्टरों और दर्जनों 'विशेष युद्धक' जवानों वाले बेड़े को तीन समूहों में विभाजित किया जाएगा जो दक्षिण चीन सागर, पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत में विभिन्न युद्धाभ्सास करेंगे। नौसेना ने कहा कि इस सैन्य अभ्यास का मकसद युद्ध के समय तत्परता को बढ़ाना और पोतों एवं विमानों एवं अन्य बलों के बीच समन्वय का अभ्यास करना है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जिस पर वियतनाम एवं फिलीपींस, मलेशिया एवं ब्रुनेई जैसे अन्य कई एशियाई देश भी दावा करते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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