फाइल फोटो
बीजिंग:
विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा बनाए जा रहे कृत्रिम द्वीपों के पास चीनी नौसेना की मंगलवार को अमेरिकी जंगी जहाजों से पहली बार बड़ी तकरार हुई। अमेरिकी जहाज बीजिंग की चेतावनी को नजरअंदाज कर वहां गए थे। इस पर, चीन ने इसे अपनी संप्रभुता के लिए खतरे के तौर पर देखते हुए इस घटना की निंदा की है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी जंगी गश्ती जहाज के झुबी चट्टान के पास पहुंचने पर सख्त नाराजगी जाहिर की है और इसका दृढ़ता से विरोध किया है। यह चट्टान दक्षिण चीन सागर में नानशा द्वीप समूह का हिस्सा है। इसे स्पार्टले द्वीप समूह के रूप में भी जाना जाता है। पेंटागन ने कहा कि दिशा-निर्देशित होने वाली मिसाइल विध्वंसक यूएसएस लासेन चीनी सरकार की इजाजत के बगैर उस कृत्रिम द्वीप के 12 समुद्री मील पास तक गया, जिसे स्पार्टले द्वीप समूह में बनाया जा रहा है।
इसके बाद चीन की सख्त प्रतिक्रिया आई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, अमेरिका की यह कार्रवाई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों के लिए खतरा है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए नुकसानदेह है। लू ने बताया कि अमेरिकी जंगी जहाज की निगरानी की गई, उसका पीछा गया और चेतावनी दी गई। उन्होंने इस बारे में ब्योरा देने से इनकार कर दिया कि अमेरिकी विध्वंसक के साथ तकरार में कितने चीनी जहाज शामिल थे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री एश कार्टर ने हाल ही में अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चेतावनी दी थी कि कोई गलती न करे, अमेरिका विमान उड़ाएगा, जहाज से संचालित करेगा जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं और दक्षिण चीन सागर अपवाद नहीं होगा। हालांकि, चीन करीब-करीब समूचे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है, जिसमें दुनिया की कुछ व्यस्तम समुद्री मार्ग शामिल हैं। वहीं, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान दक्षिण चीन सागर पर चीन के संप्रभुता के इस दावे के विरोध करता है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी जंगी गश्ती जहाज के झुबी चट्टान के पास पहुंचने पर सख्त नाराजगी जाहिर की है और इसका दृढ़ता से विरोध किया है। यह चट्टान दक्षिण चीन सागर में नानशा द्वीप समूह का हिस्सा है। इसे स्पार्टले द्वीप समूह के रूप में भी जाना जाता है। पेंटागन ने कहा कि दिशा-निर्देशित होने वाली मिसाइल विध्वंसक यूएसएस लासेन चीनी सरकार की इजाजत के बगैर उस कृत्रिम द्वीप के 12 समुद्री मील पास तक गया, जिसे स्पार्टले द्वीप समूह में बनाया जा रहा है।
इसके बाद चीन की सख्त प्रतिक्रिया आई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, अमेरिका की यह कार्रवाई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों के लिए खतरा है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए नुकसानदेह है। लू ने बताया कि अमेरिकी जंगी जहाज की निगरानी की गई, उसका पीछा गया और चेतावनी दी गई। उन्होंने इस बारे में ब्योरा देने से इनकार कर दिया कि अमेरिकी विध्वंसक के साथ तकरार में कितने चीनी जहाज शामिल थे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री एश कार्टर ने हाल ही में अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चेतावनी दी थी कि कोई गलती न करे, अमेरिका विमान उड़ाएगा, जहाज से संचालित करेगा जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं और दक्षिण चीन सागर अपवाद नहीं होगा। हालांकि, चीन करीब-करीब समूचे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है, जिसमें दुनिया की कुछ व्यस्तम समुद्री मार्ग शामिल हैं। वहीं, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान दक्षिण चीन सागर पर चीन के संप्रभुता के इस दावे के विरोध करता है।
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