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अखबार ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने की संभावना भी खारिज कर दी.
चीन सरकार अपने लोगों की मूलभूत इच्छा का उल्लंघन नहीं कर सकती- अखबार
चीनी विदेश मंत्रालय ने सुषमा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कॉम्युनिस्ट पार्टी के मीडिया समूह के मुखपत्र 'द ग्लोबल टाइम्स' अखबार के एक संपादकीय में यह कड़ी टिप्पणी की गई. अखबार सत्तारूढ़ दल के विचारों को प्रतिबिंबित करता है. दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच अखबार हाल के हफ्तों में जमकर भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा है.
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अखबार ने कहा, 'चीन अपनी जमीन का एक 'इंच हिस्सा भी खोना' बर्दाश्त नहीं कर सकता. यह चीनी लोगों की अटूट इच्छा और अनुरोध है. चीन सरकार अपने लोगों की मूलभूत इच्छा का उल्लंघन नहीं कर सकती और पीएलए चीनी लोगों को नीचा नहीं दिखाएगी'. अखबार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर सिक्किम सेक्टर में भारत की कथित 'घुसपैठ' को जायज ठहराने के लिए संसद में 'झूठ बोलने' का भी आरोप लगाया.
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द ग्लोबल टाइम्स ने सुषमा के राज्यसभा के भाषण की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'वह संसद से झूठ बोल रही थीं'. गौरतलब है कि विदेश मंत्री ने संसद में कहा था कि भारतीय सैनिकों ने चीनी क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की, बल्कि सभी देश भारत के रूख का समर्थन करते हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने सुषमा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
अखबार ने कहा, 'यह सीधी बात है कि भारत ने चीन की जमीन पर घुसपैठ की है और भारत की सैन्य ताकत चीन से काफी कम है'. संपादकीय के अनुसार, 'चीन और भारत के बीच संघर्ष इस स्तर तक बढ़ जाए कि विवाद का हल सैन्य तरीके से ही करना पड़े तो भारत यकीनन हार जाएगा'.
चीनी अखबार ने कहा कि चीन बातचीत की पूर्व शर्त के तौर पर अपनी सेना वापस बुलाने पर कभी भी सहमत नहीं होगा और अगर भारत जिद पर अड़ा रहा तो उसे भविष्य में तनाव के गंभीर रूप से बढ़ने पर सभी संभावनाओं को लेकर तैयार रहना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
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