
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सोमवार को वैश्विक विकास एजेंडा में भाग लेते हुए बाल मजदूरी को ‘‘मानवता के खिलाफ सबसे घृणित अपराध’’ बताया। उन्होंने इस अभिशाप से त्रस्त दुनियाभर के लाखों बच्चों को इससे मुक्ति दिलाने के लिए कड़ी राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया।
सत्यार्थी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पिछले कुछ दशकों में बाल मजदूरी की संख्या घटी नहीं है बल्कि यह 55 लाख पर ठहर गई है। उन्होंने कहा कि मानवता के खिलाफ इस सबसे घृणित अपराध का खात्मा करने में हमने कोई खास प्रगति नहीं की है। सबसे शर्मनाक बात यह है कि आज भी समाज में बाल मजदूरी कायम है।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सत्यार्थी गैर सरकारी संगठन रिलेशंस सेक्शन, आउटरिच डिविजन, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंफॉर्मेशन (डीपीआई) की ओर से आयोजित विशेष व्याख्यान में शिरकत करने आए थे।
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