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भारत और कनाडा के तल्ख होते रिश्तों के बीच कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का एक और झूठ सबके सामने आ गया है. मामला रिपुदमन सिंह की हत्या से जुड़ा है. इस मामले में अब दोनों आरोपियों ने अदालत में ये मान लिया है कि रिपुदमन सिंह की हत्या उन्होंने ही की थी. टैनर फॉक्स और जोस लोपेज ने 75 वर्षीय मलिक की हत्या के मामले की सुनवाई की पूर्व संध्या पर सोमवार को ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) की उच्चतम न्यायालय में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. इन दोनों आरोपियों का अपना गुनाह कबूल करना इसलिए भी खास है क्योंकि इसके बाद ट्रूडो सरकार का वह दावा भी बेबुनियाद साबित हो जाता है जिसके तहत उन्होंने इस हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था.
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आपको बता दें कि रिपुदमन सिंह मलिक की 14 जुलाई 2022 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मलिक और सह-आरोपी अजायब सिंह बागरी को 1985 में हुए दो बम विस्फोटों से संबंधित सामूहिक हत्या और साजिश के आरोपों से 2005 में बरी कर दिया गया था. इन विस्फोटों में 331 लोग मारे गए थे.
भारत पर लगाए थे आरोप
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या की तरह ही खालिस्तान समर्थक रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के पीछे भी भारत को ही जिम्मेदार बताया था. लेकिन ट्रूडो का यह झूठ उस वक्त बेनकाब हो गया जब इस हत्या में शामिल दो आरोपियों ने कनाडा की अदालत में अपना जुर्म कबूल कर लिया. इससे एक बार फिर ये साबित हो गया कि ट्रूडो ने भारत जो भी आरोप लगाए हैं वो पूरी तरह से तर्क से दूर और बेबुनियाद हैं.
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खालिस्तानी आतंकी निज्जर के मामले में भी कनाडा ने खाई थी मुंह की
इससे पहले कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर भी भारत पर आरोप लगाया था. इसके जवाब में भारत ने कनाडा के तमाम आरोपों को बेबुनियाद और तर्कों से परे बताते हुए कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था. अब रिपुदमन सिंह की हत्या को लेकर भी जो खुलासा हुआ है उससे ये तो साफ है कि कनाडा भारत पर बगैर सिर पैर के आरोप यूं ही लगा देता है. जो आगे चलकर पूरी तरह से बेबुनियाद और फर्जी साबित होते हैं.
भारतीय राजनयिकों की भूमिका से पुलिस का इनकार
कनाडा सरकार ने रिपुदमन सिंह की हत्या को लेकर जो भी भारत विरोधी बयान दिया था. उसका असर भारत और कनाडा के बीच रिश्तों पर पड़ा है. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भारत को अपने राजयनिकों को वापस तक बुलाना पड़ गया. उधर, अब सीबीसी न्यूज के अनुसार फॉक्स और लोपेज, जिन्होंने रिपुदमन की हत्या की जिम्मेदारी ली है, वो मूल रूप से भारत के नहीं हैं. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने सीबीसी को बताया कि उन्हें नहीं लगता कि इस मामले में भारतीय राजनयिकों की भागीदारी नहीं है.
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किसने दी सुपारी, नहीं मिला कोई सबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फॉक्स और लोपेज को हत्या के लिए किसने सुपारी दी थी, इसका अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. पुलिस तो यह भी स्थापित नहीं कर पाई है कि उन्हें किसी ने सुपारी दी थी या नहीं. पुलिस ने कोर्ट में भी ऐसे कोई सबूत नहीं दिए जिससे की ये साबित हो सके कि ये एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग है.
31 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट अब इस मामले में 31 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी. अदालत में सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील ने दोनों के उम्र का हवाला देते हुए कम सजा देने की अपील की है. वहीं, रिपुदमन सिंह मलिक के परिवार ने दोषियों को सजा मिलने पर खुशी जताई और कहा कि हमें खुशी है कि अब हमें न्याय मिलेगा.
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