ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपने ब्रेक्जिट विधेयक के लिए मंगलवार को संसद की पहली बाधा पार करने में कामयाब रहे. संसद में वोटिंग के दौरान उनके प्रस्ताव को 299 के मुकाबले 329 मतों का समर्थन मिला. इसका मतलब है कि यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट समझौता अब कानून बन सकता है लेकिन तीन दिन के भीतर हाउस ऑफ कॉमन्स में इस पर सहमति बनानी होगी. अगर सांसद समय सीमा को खारिज कर देते हैं और यूरोपीय संघ तारीख बढ़ाने की मंजूरी दे देता है तो ऐसी स्थिति में जॉनसन ने विधेयक को वापस लेने की धमकी दी है, और वह 31 अक्टूबर को अलग होने की निर्धारित समय सीमा में देरी करने के बजाए आम चुनाव कराना चाहेंगे. सोमवार रात ब्रेक्जिट समझौता प्रकाशित होने के बाद जॉनसन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए इसे मंगलवार को रखा था.
क्या है ब्रेक्जिट? आखिर कैसे Brexit की वजह से फिर गिर सकती है ब्रिटेन की सरकार, जानिए यहां
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन के सांसदों ने यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सहमति के बाद हुए ब्रेक्जिट (Brexit) समझौते को टालने के पक्ष में शनिवार को मतदान किया था. सांसदों ने प्रधानमंत्री के समझौते पर निर्णय टालने के लिए एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया था. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सांसदों ने जरूरी ब्रितानी कानून पास होने तक लेटविन संशोधन के जरिए ब्रेक्जिट समझौते में देरी के लिए वोट किया था.
हाउस ऑफ कामंस में लेटविन संशोधन पास होने के बाद पार्लियामेंट स्कवायर में पीपुल्स वोट रैली में लोगों ने गर्मजोशी के साथ फैसले का स्वागत किया था. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद लेटविन संशोधन पर सरकार की हार के बाद कामंस चैंबर से बाहर जाते दिखे थे.
जॉनसन ने हालांकि जोर देकर कहा था कि वह ब्रेक्जिट के लिए ईयू से समय बढ़ाने को लेकर गुहार नहीं लगाएंगे, हालांकि सांसदों के इस कदम के बाद वह ब्रक्जिट में और देरी के लिए ईयू से आग्रह करने के लिए बाध्य हैं. इस कदम के बाद संसद में अगले सप्ताह तक जॉनसन के समझौते पर मतदान नहीं हो सकता है. लेटविन संशोधन ओलिवर लेटविन द्वारा प्रस्तावित किया गया था. इस संशोधन का सांसदों ने शनिवार को समर्थन किया था.
क्या है ब्रेक्जिट? आखिर कैसे Brexit की वजह से फिर गिर सकती है ब्रिटेन की सरकार, जानिए यहां
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि नो-डील ब्रेक्जिट (जानिए क्या है ब्रेक्जिट) विफलता मानी जाएगी और इसके लिए ब्रिटिश व आयरिश सरकारें जिम्मेदार होंगी. उन्होंने दोहराया कि देश के लिए यह जरूरी है कि वह 31 अक्टूबर तक ईयू छोड़ दे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन जुलाई में डाउनिंग स्ट्रीट में जाने के बाद से पहली बार ताओसीच (आयरिश प्रधानमंत्री) लियो वरादकर के साथ मुलाकात के लिए डबलिन में थी.
वरादकर के साथ यहां मीडिया को संबोधित करते हुए जॉनसन ने कहा था कि मैंने नो-डील (बिना किसी सौदे) पर गौर किया.. हां, हम यह कर सकते हैं, ब्रिटेन निश्चित रूप से इसमें सफल हो सकता है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि इसका परिणाम शासन की विफलता मानी जाएगी, जिसके लिए हम सभी जिम्मेदार होंगे."
जॉनसन ने कहा था कि वह आयरिश बैकस्टॉप के महत्व को समझते हैं, लेकिन कहा, "हमें एक तरीका खोजने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि जब आयरलैंड को बैकस्टॉप की जरूरत है तो ब्रिटेन बैकस्टॉप व्यवस्था में उलझे नहीं." बैकस्टॉप, ब्रसेल्स और पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे के बीच हुए वापसी समझौते का हिस्सा है, जिसे संसद ने तीन बार खारिज कर दिया है. अगर यह लागू किया गया तो उत्तरी आयरलैंड यूरोपीय संघ के एकल बाजार के कुछ नियमों का समर्थन करेगा, लेकिन ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन व ईयू व्यापार सौदे पर सहमत नहीं होंगे.
VIDEO: ब्रेक्जिट का असर
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं