पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (फाइल फोटो)
कराची:
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात और कश्मीर का 'कसाई' कहा है. बिलावल ने आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में किए जा रहे अत्याचार से सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए मोदी पाकिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं.
कराची के कारसाज में रविवार को एक रैली में भुट्टो ने कहा कि मोदी 'अतिवादी' हैं. भुट्टो ने कहा, 'मैंने कहा है कि मोदी एक अतिवादी हैं और उनसे कोई आशा नहीं जानी चाहिए.' उन्होंने कहा कि मोदी कश्मीर में हो रहे अत्याचार से सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए ही पाकिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं.
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक उन्होंने मोदी को 'गुजरात और कश्मीर का कसाई' कहा. बिलावल भुट्टो के अनुसार कश्मीर के लोग कथित तौर पर आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भुट्टो ने चार मांगें रखते हुए धमकी दी कि यदि ये पूरी नहीं की गईं, तो वह 27 दिसंबर को एक लंबे मार्च की घोषणा करेंगे.
इन मांगों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति का गठन, पनामा पेपर पर उनकी पार्टी के विधेयक को पारित किया जाना, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रस्ताव को लागू करना और विदेश मंत्री की फौरन नियुक्ति शामिल है.
भुट्टो ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नीतियों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इन कारणों से पाकिस्तान कमजोर हुआ है. उन्होंने कहा, 'मियां साहिब आप राष्ट्रीय कार्रवाई योजना' को लागू करने में नाकाम रहे हैं.
गौरतलब है कि रविवार को गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक करार दिया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कराची के कारसाज में रविवार को एक रैली में भुट्टो ने कहा कि मोदी 'अतिवादी' हैं. भुट्टो ने कहा, 'मैंने कहा है कि मोदी एक अतिवादी हैं और उनसे कोई आशा नहीं जानी चाहिए.' उन्होंने कहा कि मोदी कश्मीर में हो रहे अत्याचार से सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए ही पाकिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं.
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक उन्होंने मोदी को 'गुजरात और कश्मीर का कसाई' कहा. बिलावल भुट्टो के अनुसार कश्मीर के लोग कथित तौर पर आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भुट्टो ने चार मांगें रखते हुए धमकी दी कि यदि ये पूरी नहीं की गईं, तो वह 27 दिसंबर को एक लंबे मार्च की घोषणा करेंगे.
इन मांगों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति का गठन, पनामा पेपर पर उनकी पार्टी के विधेयक को पारित किया जाना, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रस्ताव को लागू करना और विदेश मंत्री की फौरन नियुक्ति शामिल है.
भुट्टो ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नीतियों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इन कारणों से पाकिस्तान कमजोर हुआ है. उन्होंने कहा, 'मियां साहिब आप राष्ट्रीय कार्रवाई योजना' को लागू करने में नाकाम रहे हैं.
गौरतलब है कि रविवार को गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक करार दिया था.
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