ब्रिटेन (UK) में कल गुरुवार दोपहर, यह सूचना आई कि महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) नहीं रहीं. दुनिया भर में यह खबर आग की तरह फैली. 70 साल राज करने के बाद महारानी के गुजर जाने से जैसे ब्रिटेन में एक युग बीत गया है. NDTV ने ब्रिटेन में मौजूद स्वतंत्र पत्रकार शिखा वार्ष्णेय से पूछा कि महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद वहां अगली सुबह क्या बदला नज़र आ रहा है?
उन्होंने बताया, "महारानी के बाद की अगली सुबह जैसे सब लोगों के दिल में सूनापन भर गया है. महारानी के निधन के बाद कल शाम हुई बारिश के बावजूद बकिंगघम पैलेस (Buckingham palace) के बाहर हजारों लोग पहुंचे और सेंट्रल लंदन (Central London) के बाहर जगह-जगह लोग महारानी के नाम पर श्रद्धांजलि देते हुए फूलों का अंबार लगा रहे हैं. स्थानीय लोग पूरे परिवार के साथ लोग पहुंच रहे हैं. थैंक-यू लिखे हुए नोट अधिक नज़र आ रहे हैं."
ब्रिटेन में लगभग सभी का यह मानना है कि उन्होंने अपने जीवन के 70 कीमती वर्ष इस देश को दिए और उन्होंने अपने कर्तव्य अच्छे से निभाए. लोगों को उनसे बहुत प्यार था. शिखा कहती हैं, "लंदन में सुबह से बादल छाए हुए हैं और हल्की बूंदा-बांदी हो रही और लगता है कि आसमान भी उन्हें श्रद्दांजलि दे रहा."
लंदन में 10 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है उनका अंतिम संस्कार 19 सितंबर को किया जाएगा. महारानी को उनके जीवन के हर साल के लिए 96 तोपों की सलामी भी दी गई. शिखा ने बताया, "यहां स्कूल-कॉलजे दफ्तर सामान्य तरीके से खुले हुए हैं. काम जारी है. जिस दिन महारानी का अंतिम संस्कार होगा कि उसी दिन यहां एक दिन का राष्ट्रीय अवकाश रहेगा."
महारानी के बाद क्या बदलेगा?
महारानी एलिजाबेथ के बाद ब्रिटेन में क्या बदलेगा, इस सवाल के जवाब में शिखा कहती हैं, "ब्रिटेन का इतिहास बदल जाएगा. उन्होंने विश्व युद्ध देखा, साम्राज्य का अंत देखा. ब्रिटेन में हर तरफ महारानी की छाप थी लेकिन अब उनकी छाप हटा कर किंग चार्ल्स के नाम किया जाएगा."
आगे उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में पासपोर्ट महारानी के नाम से जारी किए जाते थे. वह बदल दिए जाएंगे. राष्ट्रीय गान में "लॉन्ग लिव क्वीन" (Long Live Queen) की जगह "लॉन्ग लिव किंग" (Long Live Queen) गाया जाएगा. पुलिस और सेना की वर्दी पर से महारानी की छाप बदली जाएगी. करेंसी नोटों पर से महारानी की छाप बदली जाएगी. डाक टिकटों पर से महारानी की छाप बदल जाएगी. रॉयल फैमिली (Royal Family) की आधिकारिक वेबसाइट महारानी के निधन के बाद कुछ समय के लिए बंद कर दी गई थी. उसे अपडेट किया जा रहा था. अब वो क्वीन की जगह किंग के नाम से चलेगी. कुछ चीजें तुरंत ही बदल दी गईं हैं लेकिन कुछ चीजों को बदलने में वक्त लगेगा.
ब्रिटेन की राजसत्ता के लिए क्या बदलेगा?
महारानी के निधन के बाद ब्रिटेन की राजशाही कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं. लोगों के मन में अब तक महारानी की छाप थी, लेकिन अब उसकी जगह किंग को उन्हें स्वीकार करना पड़ेगा. क्वीन की छवि सब लोगों के लिए समान तौर से स्वीकार्य थी. वह सबकी प्रिय थीं और दयालू थीं. वह एक शानदार व्यक्तित्व की मालिकिन थीं. वह लोगों से बहुत आत्मीयता से मिलती थीं. वह अच्छे तौर से चर्चित थीं. जिन लोगों को इस देश से, यहां की नीतियों से या यहां की राजशाही से भी समस्या है उनको रानी से समस्या नहीं थी.
शिखा वार्ष्णेय कहती हैं, "महारानी और चार्ल्स के व्यक्तित्व में बहुत अंतर है. दोनों एक दूसरे से बहुत जुदा रहे हैं. अभी तक सभी काम परंपरा के तौर पर हो रहे हैं. लेकिन अब वो किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) बन गए हैं. आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि ब्रिटेन की राजशाही में बदलाव आते हैं या नहीं. इसी तरह की परंपरा कब तक चलेगा पता नहीं लेकिन कुछ बदलावों की उम्मीद की जा सकती है."
कुछ महीने पहले ही मनाई गए क्वीन की सत्ता के 70 सालों का समारोह मनाया गया. इस दौरान शायद महारानी के जेहन में कहीं ना कहीं ये ज़रूर होगा कि बदलते वक्त में यह राजशाही जाने कब तक चलेगी. लेकिन वक्त ही यह स्पष्ट करेगा. शिखा कहती हैं, "यहां माहौल गमज़दा है लेकिन बदलाव की उम्मीद की जा रही है."
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