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This Article is From Dec 27, 2016

जब किसी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी यह नेता...

जब किसी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी यह नेता...
बेनजीर भुट्टो (फाइल फोटो)
आज पाकिस्‍तान की 11वीं प्रधानमंत्री और पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) की नेता बेनजीर भुट्टो की नौवीं पुण्‍यतिथि है. 27 दिसंबर, 2007 को उनकी हत्‍या कर दी गई थी. वह किसी मुस्लिम देश का नेतृत्‍व करने वाली पहली महिला थीं. सिर्फ इतना ही नहीं, दो बार देश का नेतृत्‍व करने वाली वह पहली नेता थीं. आइए जानते हैं, उनसे जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं पर एक नजर :

निकनेम 'पिंकी'
बेनजीर का जन्‍म 21 जून, 1953 को कराची में हुआ था. बचपन में उनका निकनेम पिंकी रखा गया. परिजन और दोस्‍त उनको इसी नाम से पुकारते थे. उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा के लिए ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और उसके बाद ऑक्‍सफोर्ड यूनियन अध्‍यक्ष चुनी जाने वाली पहली एशियाई महिला बनीं. 1977 में वहां से ग्रेजुऐशन करने के बाद विदेश सेवा में जाना चाहती थीं. उस दौर में पिता जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री थे. लेकिन उसी साल जनरल जिया-उल-हक ने तख्‍तापलट कर जुल्फिकार को सत्‍ता से बेदखल कर दिया. जुल्फिकार को 1979 में फांसी दे दी गई. उसके बाद भुट्टो परिवार को नजरबंद कर दिया गया और बाद में ब्रिटेन में निर्वासन पर जाना पड़ा.

जुल्फिकार अली भुट्टो से जेल में आखिरी मुलाकात
1977 में जब पिता जुल्फिकार को जेल में कैद कर लिया गया तो वह हर सप्‍ताह पिता से मिलने जेल जाया करती थीं. 4 अप्रैल, 1979 को पिता को फांसी पर चढ़ा दिया गया. उसके एक दिन पहले वह अपनी मां के साथ उनसे मिलने गई थीं लेकिन उनको ये बताया नहीं गया था कि वह आखिरी मुलाकात है. उसी मुलाकात के दौरान जब भुट्टो ने जेल अधिकारी से पूछा कि क्‍या हम आखिरी बार मिल रहे हैं तो उसने हां में जवाब दिया. बेनजीर ने उस अधिकारी से गुजारिश करते हुए कहा कि क्‍या वह जेल का दरवाजा खोल सकते हैं ताकि पिता को आखिरी बार गले लगाया जा सके लेकिन उसने अनुमति देने से इनकार कर दिया.  

निर्वासन से वापसी
1986 में जब बेनजीर निर्वासन से वापस लौटीं तो पीपीपी नेता के रूप में इतनी लोकप्रिय हो चुकी थीं कि लाहौर एयरपोर्ट से रैली स्‍थल तक आठ मील की यात्रा में उनके काफिले को साढ़े नौ घंटे लगे. 1987 में बिजनेसमैन आसिफ अली जरदारी से अरेंज मैरिज हुई. बेनजीर की मां ने शादी कराई. बेनजीर सगाई के पांच दिन पहले तक अपने होने वाले शौहर से मिली तक नहीं थीं.

मुल्‍क की कमान  
1988 में चुनाव जीतकर वह किसी मुस्लिम देश का शासन संभालने वाली पहली महिला नेता बनीं. हालांकि उनकी राह आसान नहीं थी और पाकिस्‍तान की कट्टरपंथी सोच ने उनकी राह में मुश्किलें खड़ी कीं. 'लॉस एंजिलिस टाइम्‍स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक ''चुनाव से ऐन पहले इस्‍लामिक विद्वान मो आमिन मिनहास ने कहा कि यदि किसी महिला के हाथों में एक देश की बागडोर दी जाती है तो ऐसा देश तरक्‍की नहीं कर सकता.'' हालांकि जब वह प्रधानमंत्री बनीं तो मिनहास ने अपने बयान को वापस लेते हुए बेनजीर की तारीफ करते हुए कहा कि अल्‍लाह ने हमारे नेता के रूप में इस महिला को चुना है.

ऑयरन लेडी से नाता
एक बार बेनजीर ने कहा था कि ब्रिटेन की 'ऑयरन लेडी' के नाम से मशहूर प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को वह अपना रोल मॉडल मानती थीं. हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा था कि इस्‍लाम के पैगंबर की पत्‍नी खदीजा के प्रति भी वह बहुत सम्‍मान रखती हैं क्‍योंकि वह वर्किंग वुमन थीं. 27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में उनकी हत्‍या कर दी गई. इसी शहर में 1979 में पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को भी फांसी दी गई थी. 

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