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भारत-बांग्लादेश में तनाव बढ़ा, बांग्लादेशी उच्चायुक्त तलब, 6 दिन में दूसरी बार बुलाए गए

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के कार्यकाल में भारतीय उच्चायुक्त को अलग-अलग घटनाओं के सिलसिले में कम से कम छह बार तलब किया जा चुका है.

भारत-बांग्लादेश में तनाव बढ़ा, बांग्लादेशी उच्चायुक्त तलब, 6 दिन में दूसरी बार बुलाए गए
  • बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को मंगलवार को ढाका में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया
  • पिछले 10 दिनों में यह दूसरी बार है, जब उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है.
  • यूनुस सरकार में उच्चायुक्त को अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 6 बार तलब किया जा चुका है
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भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक तनाव बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को दिन में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था. इसके कुछ ही घंटों के बाद ही खबर आई कि दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया है. बांग्लादेश में हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के बीच यह कदम सामने आया है. इससे पहले भारत ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब किया था. 

इससे पहले दिन में बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को ढाका में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया. भारत में बांग्लादेश के दूतावासों के बाहर प्रदर्शन और सुरक्षा चिंताओं के बीच बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने भारत के उच्चायुक्त को तलब किया. इस दौरान उप उच्चायुक्त भी मौजूद थे.

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10 दिन में दूसरी बार तलब किए गए

पिछले 10 दिनों में यह दूसरी बार है, जब प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के कार्यकाल में उच्चायुक्त को अलग-अलग घटनाओं के सिलसिले में कम से कम छह बार तलब किया जा चुका है. वर्मा को इससे पहले 14 दिसंबर को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था.

बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन का मुद्दा

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि प्रणय वर्मा को 20 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और आवास परिसर के बाहर हुई 'अप्रिय घटनाओं' और 22 दिसंबर को सिलीगुड़ी में वीजा केंद्र में 'कथित चरमपंथी तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़' पर ढाका की 'गंभीर चिंता' से अवगत कराया गया.

उच्चायोग के बाहर प्रदर्शनों पर जताई चिंता

बयान में कहा गया कि बांग्लादेश ने भारत में विभिन्न बांग्लादेशी दूतावासों के बाहर आयोजित हिंसक प्रदर्शनों पर गहरी चिंता व्यक्त की. बांग्लादेश राजनयिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ जानबूझकर की गई हिंसा या धमकी की ऐसी हरकतों की निंदा करता है, जो न सिर्फ दूतावास के कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं बल्कि आपसी सम्मान के सिद्धांतों और शांति व सहिष्णुता के मूल्यों को भी कमजोर करते हैं.

भारत सरकार से उचित कदम उठाने की अपील

बयान के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ने भारत से इन घटनाओं की गहन जांच करने, इस तरह की हरकतों को फिर से होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने और भारत में बांग्लादेशी दूतावासों और संबंधित ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया है. कहा गया है कि ढाका को उम्मीद है कि भारत सरकार दूतावास के कर्मचारियों और प्रतिष्ठानों की गरिमा व सुरक्षा के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय और राजनयिक दायित्वों के अनुरूप तुरंत उचित कदम उठाएगी.

भारत ने भी बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब किया था

इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने 17 दिसंबर को ढाका में भारतीय उच्चायोग के आसपास सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उच्चायुक्त एम रियाज हामिदुल्लाह को तलब किया था. ये कदम ढाका में कई चरमपंथी समूहों द्वारा भारतीय उच्चायोग के आसपास प्रदर्शन के ऐलान के बाद उठाया गया था. 

बांग्लादेश ने 14 दिसंबर को भी उच्चायुक्त को तलब किया था

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को इससे पहले 14 दिसंबर को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. उस दौरान इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी पर हमला करने वाले हमलावरों को भाग कर भारत जाने से रोकने के लिए सहयोग मांगा गया था. बांग्लादेश ने अनुरोध किया था कि अगर आरोपी भारतीय इलाके में घुसने में सफल हो जाते हैं, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार करके बांग्लादेश को सौंपा जाए.

ये भी देखें- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों से भारत में उबाल: अमेरिका तक पहुंचा दीपू के घरवालों का दर्द

हिंदू विरोधी हिंसा के खिलाफ कई शहरों में प्रदर्शन 

बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा सरेआम पीट-पीटकर हत्या और पेड़ से बांधकर जलाए जाने के मामले को लेकर भारत के लोगों में काफी गुस्सा है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में बजरंग दल और वीएचपी की अगुआई में 10 से ज्यादा शहरों में प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था. इस दौरान दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई. करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. 
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