
दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया (South Australia) में पानी की कमी के कारण वहां के 10,000 जंगली ऊंटों (Feral Camels) को मारने का आदेश जारी किया गया है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अनंगु पीतजंतजतारा यनकुनितज्जतजरा लैंड्स (Anangu Pitjantjatjara Yankunytjatjara lands) यानी कि APY के अबॉर्जिनल नेता ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में हेलीकॉप्टर से कुछ प्रोफेशनल शूटर 10,000 से ज्यादा जंगली ऊंटों को मार गिराएंगे.
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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के लोग लगातार शिकायत कर रहे थे कि ये जानवर पानी की तलाश में उनके घरों में घुस जाया करते हैं. इसके बाद ही आदिवासी नेताओं ने 10,000 ऊंटों को मारने का फैसला किया है. इसके साथ ही नेताओं को चिंता है कि ये जानवर ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहे हैं क्योंकि वो एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं.
APY के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य मारिया बेकर ने कहा, "हम परेशानी महसूस कर रहे हैं, क्योंकि ऊंट घरों में आ रहे हैं और एयरकंडीशनरों के माध्यम से पानी पीने की कोशिश कर रहे हैं''. राष्ट्रीय कीट ऊंट प्रबंधन योजना का दावा है कि जंगली ऊंट की आबादी हर नौ साल में दोगुनी हो जाती है. वहीं ऊंट अधिक पानी पीते हैं और इस वजह से इन जंगली ऊंटों को मारने का फैसला किया गया है.
कार्बन खेती के विशेषज्ञों रेगेनोको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम मूर ने कहा कि ये जानवर प्रति वर्ष CO2 के एक टन के प्रभाव से मीथेन का उत्सर्जन कर रहे हैं और यह सड़कों पर अतिरिक्त 4,00,000 कारों के बराबर है. वहीं ऊर्जा और पर्यावरण विभाग के मुताबिक 'ऑस्ट्रेलिया जंगली जानवरों से उत्सर्जन पर रिपोर्ट नहीं करता है. इसलिए, जंगली जानवरों से उत्सर्जन को बदलने वाली गतिविधियां एक उत्सर्जन में कमी निधि पद्धति के अधीन नहीं हो सकती है.
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