
फोटो- केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली...
मेलबर्न:
जेएनयू और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ कार्रवाई को उचित ठहराते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अगर मुंबई में धमाके और संसद पर हमला करने वालों के पक्ष में खुलेआम नारे लगाए जाएंगे तो जो लोग इसके विरोध में हैं उनकी ओर से कुछ 'वैचारिक प्रतिक्रिया' की उम्मीद की जा सकती है।
मेलबर्न विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने वाले जेटली ने श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'भारत बहुत मजबूत लोकतंत्र है। सिर्फ 1970 के दशक के मध्य में कुछ समय के लिए हम लोकतंत्र को खोने के करीब पहुंच गए थे। भारत ने लोकतंत्र के तौर पर वापसी करने में बहुत धैर्य दिखाया है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जवाहर लाल नेहरू और हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुई घटनाओं को समझना जरूरी है।
आपातकाल के समय प्रदर्शनकारी के तौर पर अपने दिनों के याद करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'मैंने 19 महीने जेल में बिताए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता किसी से कम नहीं है।' कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आज जेएनयू के प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं उन्हीं लोगों ने आपातकाल का समर्थन किया था। जेटली ने कहा कि गरीबी के अलावा भारत आतंकवाद से बहुत बुरी तरह प्रभावित है।
उन्होंने कहा, '1993 की घटना (मुंबई धमाका) में करीब 300 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। लंबी सुनवाई के बाद एक व्यक्ति दोषी पाया गया। इसी व्यक्ति के समर्थन में हैदराबाद परिसर में जश्न का आयोजन किया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मेलबर्न विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने वाले जेटली ने श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'भारत बहुत मजबूत लोकतंत्र है। सिर्फ 1970 के दशक के मध्य में कुछ समय के लिए हम लोकतंत्र को खोने के करीब पहुंच गए थे। भारत ने लोकतंत्र के तौर पर वापसी करने में बहुत धैर्य दिखाया है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जवाहर लाल नेहरू और हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुई घटनाओं को समझना जरूरी है।
आपातकाल के समय प्रदर्शनकारी के तौर पर अपने दिनों के याद करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'मैंने 19 महीने जेल में बिताए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता किसी से कम नहीं है।' कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आज जेएनयू के प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं उन्हीं लोगों ने आपातकाल का समर्थन किया था। जेटली ने कहा कि गरीबी के अलावा भारत आतंकवाद से बहुत बुरी तरह प्रभावित है।
उन्होंने कहा, '1993 की घटना (मुंबई धमाका) में करीब 300 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। लंबी सुनवाई के बाद एक व्यक्ति दोषी पाया गया। इसी व्यक्ति के समर्थन में हैदराबाद परिसर में जश्न का आयोजन किया गया।
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