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अमेरिका के कई कॉलेजों में फिलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन काफी तेज हो गया है. पुलिस ने लगभग 275 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. एक सप्ताह से अधिक समय पहले न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी तक पहुंच गया है.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों ने आइवी लीग स्कूल ( Ivy League school) में फ़िलस्तीनी झंडा फहराया, जो आमतौर पर अमेरिकी झंडा के लिए आरक्षित स्थान है.
प्रदर्शनकारियों ने वार्षिक व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स एसोसिएशन रात्रिभोज के आयोजन स्थल , वाशिंगटन हिल्टन होटल की ऊपरी मंजिल की खिड़की से एक विशाल फ़िलस्तीनी झंडा भी फहराया.
पुलिस ने चार अलग-अलग कॉलेज परिसरों से लगभग 275 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. ये प्रदर्शन कॉलेज की छात्रों द्वारा किया जा रहा है.
बोस्टन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से 100, सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से 80, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से 72 और इंडियाना यूनिवर्सिटी से 23 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.
इस मामले पर हाल ही में व्हाइट हाउस का बयान भी आया था. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा था, "राष्ट्रपति का मानना है कि कॉलेज कैंपसों में स्वतंत्र भाषण, बहस और भेदभाव न होना बहुत जरूरी है. हम इस बात में विश्वास करते हैं कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से खुद की बात रखने में सक्षम हैं. लेकिन जब नफरत भरी बयानबाजी और हिंसा की बात है, तो इसे बंद करना होगा."
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने भी हाल ही में एक बयान जारी कर अमेरिका में हो रहे इस प्रदर्शन को "डरावना" कहा था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में यहूदी विरोधी भीड़ ने प्रमुख विश्वविद्यालयों पर कब्ज़ा कर लिया है. संयुक्त राज्य अमेरिका में यहूदी विरोधी भावना 1930 के दशक में जर्मन विश्वविद्यालयों में जो हुआ उसकी याद दिलाती है. ऐसे में दुनिया चुपचाप खड़ी नहीं रह सकती.
न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में ये विरोध प्रदर्शन पिछले सप्ताह शुरू हुआ था. उस दौरान पुलिस ने फिलिस्तीन समर्थक रैली को तितर-बितर करने के बाद 100 से अधिक छात्रों को गिरफ्तार किया गया था.
प्रदर्शनकारी अपने विश्वविद्यालयों से गाजा युद्ध से लाभ कमाने वाली कंपनियों से अलग होने और तत्काल युद्धविराम की वकालत करने का आह्वान कर रहे हैं.
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