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This Article is From Oct 12, 2015

गरीबी पर काम के लिए एंगस डिटॉन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

गरीबी पर काम के लिए एंगस डिटॉन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
स्टॉकहोम: प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री एंगस डिटॉन को उपभोग पर व्यापक काम के लिए इस साल अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया जाएगा। डिटॉन के इस शोध कार्य से विशेषकर भारत सहित दुनिया भर में गरीबी को आंकने के तरीके को नए सिरे से तय करने में मदद मिली।

पुरस्कार देने वाली संस्था रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को यह घोषणा की। एकेडमी ने कहा है कि उनका काम, 'मानव कल्याण के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।' पुरस्कार समिति के सचिव तोरस्टेन परसॉन ने कहा कि डिएटन के अनुसंधान ने अन्य अनुसंधानकर्ताओं व विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को बताया कि मूल बुनियादी स्तर पर गरीबी को किस तरह से समझा जाए... यह संभवत: उनका सबसे अच्छा व सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। परसॉन के अनुसार डिटॉन का काम यह दिखाता है कि व्यक्तिगत व्यवहार किस तरह से व्यापक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

डिटॉन का जन्म एडिनबरा, स्काटलैंड में हुआ। उनके पास अमेरिका और ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पुरस्कार समिति ने दुनिया में गरीबों की चिंता करने वाले काम को सम्मानित करने का फैसला किया है।

पुरस्कार की घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में डिटॉन ने उम्मीद जताई कि दुनिया में मौजूद अति निर्धनता या गरीबी में कमी आती रहेगी, हालांकि वे 'अवांछित रूप आशान्वित' नहीं है।

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