
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
वाशिंगटन:
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए अफगानिस्तान से बलों की जल्दबाजी में वापसी से मंगलवार को इनकार कर किया और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि वह आतंकवादी समूहों को पनाहगाह मुहैया कराना जारी रखता है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे. ट्रंप ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में भारत से और योगदान देने की अपील की और साथ ही उसके अब तक तक के योगदान को भी सराहा.
ट्रंप ने कमांडर इन चीफ के रूप में देश को संबोधित करते हुए दक्षिण एशिया के बारे में अपनी नीति के बारे में बताया और कहा कि इसका अहम हिस्सा भारत के साथ रणनीतिक साझीदारी को और विकसित करना है. इस संबोधन का प्रसारण प्राइम टाइम में टेलीविजन पर किया गया.
यह भी पढ़ें : पाकिस्तान को चीन और रूस के करीब ला सकती है अमेरिका की नई अफगान नीति: रिपोर्ट
अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत से अपील की कि वह अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए, विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में और योगदान दे. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अमेरिका का अहम सुरक्षा एवं आर्थिक साझीदार है. ट्रंप ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भारत के अहम योगदान की प्रशंसा करते हैं, लेकिन भारत अमेरिका के साथ व्यापार से अरबों डॉलर कमाता है और हम चाहते हैं कि वह अफगानिस्तान के संबंध में, खासकर आर्थिक सहयोग एवं विकास के क्षेत्र में हमारी और मदद करे.’
उन्होंने कहा कि ‘समग्र समीक्षा’ के बाद यह निर्णय लिया गया कि अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में अमेरिकी रणनीति में नाटकीय बदलाव आएगा. ट्रंप ने कहा कि वह अफगानिस्तान से अपने बलों को वापस बुलाना चाहते थे लेकिन महीनों की वार्ता के बाद उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि ‘जल्दबाजी में वहां से आने के परिणाम अस्वीकार्य होंगे और इनका पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है’. इससे एक खालीपन पैदा हो जाएगा जिसे आतंकवादी शीघ्र भर देंगे.
यह भी पढ़ें : अफगानिस्तान के लिए नई रणनीति की घोषणा करेंगे डोनाल्ड ट्रंप : व्हाइट हाउस
ट्रंप ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देना जारी रखने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और उसे चेतावनी दी कि यदि वह ऐसा करना जारी रखता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
VIDEO : मोदी की यात्रा से और मजबूत हुए भारत-अमेरिकी संबंध
उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवादी संगठनों, तालिबान और क्षेत्र एवं इससे आगे भी खतरा पैदा करने वाले अन्य समूहों को पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई जा रही पनाहगाहों को लेकर अब खामोश नहीं रह सकते.’
ट्रंप ने कमांडर इन चीफ के रूप में देश को संबोधित करते हुए दक्षिण एशिया के बारे में अपनी नीति के बारे में बताया और कहा कि इसका अहम हिस्सा भारत के साथ रणनीतिक साझीदारी को और विकसित करना है. इस संबोधन का प्रसारण प्राइम टाइम में टेलीविजन पर किया गया.
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अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत से अपील की कि वह अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए, विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में और योगदान दे. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अमेरिका का अहम सुरक्षा एवं आर्थिक साझीदार है. ट्रंप ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भारत के अहम योगदान की प्रशंसा करते हैं, लेकिन भारत अमेरिका के साथ व्यापार से अरबों डॉलर कमाता है और हम चाहते हैं कि वह अफगानिस्तान के संबंध में, खासकर आर्थिक सहयोग एवं विकास के क्षेत्र में हमारी और मदद करे.’
उन्होंने कहा कि ‘समग्र समीक्षा’ के बाद यह निर्णय लिया गया कि अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में अमेरिकी रणनीति में नाटकीय बदलाव आएगा. ट्रंप ने कहा कि वह अफगानिस्तान से अपने बलों को वापस बुलाना चाहते थे लेकिन महीनों की वार्ता के बाद उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि ‘जल्दबाजी में वहां से आने के परिणाम अस्वीकार्य होंगे और इनका पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है’. इससे एक खालीपन पैदा हो जाएगा जिसे आतंकवादी शीघ्र भर देंगे.
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ट्रंप ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देना जारी रखने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और उसे चेतावनी दी कि यदि वह ऐसा करना जारी रखता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
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उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवादी संगठनों, तालिबान और क्षेत्र एवं इससे आगे भी खतरा पैदा करने वाले अन्य समूहों को पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई जा रही पनाहगाहों को लेकर अब खामोश नहीं रह सकते.’
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