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This Article is From May 11, 2022

इज़रायल ने "पत्रकार को जान-बूझकर मारा", Al jazeera ने लगाए गंभीर आरोप

फलिस्तीन (Palestine) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 51 साल की अबु अक्लेह (Shireen Abu Aqleh) को मृत घोषित कर दिया. वह अल जज़ीरा (Al Jazeera) की अरबी समाचार सेवा (Arabic News Service) का प्रमुख चेहरा थीं. इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने बुधवार सुबह जेनिन रिफ्यूजी कैंप में सैन्य ऑपरेशन चलाया था जो उत्तरी वेस्ट बैंक में  फलिस्तीन के हथियारबंद समूहों का ठिकाना है. 

इज़रायल ने "पत्रकार को जान-बूझकर मारा", Al jazeera ने लगाए गंभीर आरोप
Al Jazeera का आरोप है कि इज़रायल ने उसकी रिपोर्टर को जान-बूझकर मारा

समाचार नेटवर्क अल जज़ीरा (Al Jazeera) ने इज़रायल (Israel) पर एक बड़ा आरोप लगाया है. बुधवार को अपनी एक विज्ञप्ति में चैनल ने कहा कि इजरायली सेना (Israeli forces) ने अल जज़ीरा की रिपोर्टर शीरीन अबु अक्लेह (Al Jazeera reporter Shireen Abu Aqleh) को "सोची समझी साज़िश" में मारा जब वो फिलिस्तीन की सीमा में काम कर रही थी. अल जज़ीरा ने कहा, " साफ तौर से एक हत्या में, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का उल्लंघन कर, इजरायली ऑक्यूपेशन सेना ने सोची समझी साजिश के तहत अल जज़ीरा की पत्रकार को फलिस्तीन में मार डाला. अल ज़जीरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो इज़रायली सेना को जानबूझ कर टार्गेट करने और हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराएं."

फलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बी 51 साल की अबु अक्लेह को मृत घोषित कर दिया. कतर के टीवी चैनल की पत्रकार अबु अक्लेह, एक फलिस्तीनी ईसाई थीं जिनके पास अमेरिकी नागरिकता भी थी.  वह अल जज़ीरा की अरबी समाचार सेवा का प्रमुख चेहरा थीं. इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने बुधवार सुबह जेनिन रिफ्यूजी कैंप में सैन्य ऑपरेशन चलाया था जो उत्तरी वेस्ट बैंक में  फलिस्तीन के हथियारबंद समूहों का ठिकाना है. 

साथ ही में इजरायल ने कहा कि संदिग्धों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई और वह इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या पत्रकार घायल हुए थे, शायद फलिस्तीनी गोलीबारी में."

इजरायली सेना ने जेनिन रिफ्यूजी कैंप में ऑपरेशन का पुष्टि की लेकिन जानबूझ कर किसी भी रिपोर्टर को निशाना बनाने से मना किया. एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने एएफपी को बताया कि सेना के अधिकारी पत्रकारों को निशाना नहीं बनाते हैं. इसके बाद एक संदेश सामने आया है जिसे इजरायली सरकार की तरफ से भेजा गया बताया जा रहा है.  

एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें फलिस्तीनी गुट की तरफ से कहा जा रहा है कि, " हमने एक सैनिक को निशाना बनाया है, वो जमीन पर पड़ा है." लेकिन कोई इजरायल का सैनिक घायल नहीं हुआ, यह संभव है कि वो खुद फलिस्तीनी गोली का शिकार हुईं हो. हम फलिस्तीनियों से मुद्दे की जांच का आग्रह करते हैं जिसमें संयुक्त पैथोलॉजिकल जांच हो. हम पत्रकार की मौत पर अफसोस ज़ाहिर करते हैं. हमें उनके काम का महत्व पता है लेकिन आतंकियों की गोलीबारी की संभावना वाले इलाके में जाने और रहने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. "

इजरायल और फलिस्तीन के बीच तनाव पिछले दिनों बढ़ गया था. इजरायल ने अब तक 22 मार्च से कई हमले किए हैं जिनमें 10 लोग मारे गए हैं, जिनमें एक अरह इजरायली पुलिस अफसर और दो यूक्रेनी भी शामिल हैं. 

इजरायली सेना ने जेनिस के नागिरकों पर हुए कुछ हमलों का आरोपल लगाया और इस इलाके में अपना सैन्य अभियान तेज कर दिया. AFP के अनुसार, कुल 30 फलिस्तीनी और 3 अरब नागरिक इस दौरान मारे गए हैं. इसमें उन हमलों के योजनाकार भी शामिल हैं जिन्होंने पश्चिमी बैंक के ऑपरेशन में इजरायली सुरक्षा बलों को मारा था.  

अप्रेल के आखिर में खबर आई थी कि फलिस्तीनी (Palestine) और इज़रायली (Israel) पुलिस के बीच येरुशलम (Jerusalem) की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) में ताजा झड़पें हुई. शुक्रवार को हुई इन झड़पों में 42 लोग घायल हुए हैं. फलिस्तीन की रेड क्रॉस संस्था ने बताया था कि इस जगह पर काफी समय से तनाव बना हुआ था. मुस्लिमों के पाक महीने रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को यह झड़प हुई. रेड क्रॉस ने बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं लेकिन 22 को अस्पताल ले जाया गया.    

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