नई दिल्ली:
आतंकवादी संगठन अलकायदा में ओसामा बिन लादेन की जगह लेने वाला अयमान अल-जवाहिरी पाकिस्तान में हो सकता है। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
बीते साल 2 मई को एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के बाद मिस्र का मौलवी जवाहिरी अलकायदा का नया प्रमुख बना था।
एक पाकिस्तानी रक्षा एवं सुरक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने अपनी किताब 'पाकिस्तान : बिफोर एंड आफ्टर ओसामा' में कहा, बाते दशक में बिन लादेन की खोज एक महत्वपूर्ण काम था। अब लगता है कि अमेरिकी व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां जवाहिरी का ठिकाना खोजने में व्यस्त रहेंगी।
जवाहिरी कहां छुपा हो सकता है, इस पर उन्होंने लिखा है, जो शहर उसके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होगा और जहां वह शांति के साथ अपनी रणनीतियां बना सके, वह इस्लामाबाद है।
किताब में कहा गया है, जिस तरह सशस्त्र बलों के जनरल हेडक्वार्टर्स के नजदीक रावलपिंडी से खालिद शेख को पकड़ा गया था उसी तरह यदि अमेरिकी या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां एक दिन उसे रावलपिंडी या इस्लामाबाद में खोज लें तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा। 9/11 के साजिशकर्ता जवाहिरी के खिलाफ चार अन्य के साथ अप्रैल 2012 की शुरुआत में आरोप तय किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने जवाहिरी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी।
इस साल मई में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन की अलकायदा प्रमुख की पाकिस्तान में मौजूदकी की टिप्पणी को चुनौती देते हुए कहा था कि जवाहिरी पाकिस्तान में नहीं है। क्लिंटन ने अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान 7 मई को स्पष्ट रूप से कहा था कि जवाहिरी पाकिस्तान में है। उन्होंने कोलकाता में कहा था, हम अलकायदा का खात्मा चाहते हैं। हमारा विश्वास है कि जवाहिरी पाकिस्तान में है।
बीते साल 2 मई को एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के बाद मिस्र का मौलवी जवाहिरी अलकायदा का नया प्रमुख बना था।
एक पाकिस्तानी रक्षा एवं सुरक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने अपनी किताब 'पाकिस्तान : बिफोर एंड आफ्टर ओसामा' में कहा, बाते दशक में बिन लादेन की खोज एक महत्वपूर्ण काम था। अब लगता है कि अमेरिकी व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां जवाहिरी का ठिकाना खोजने में व्यस्त रहेंगी।
जवाहिरी कहां छुपा हो सकता है, इस पर उन्होंने लिखा है, जो शहर उसके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होगा और जहां वह शांति के साथ अपनी रणनीतियां बना सके, वह इस्लामाबाद है।
किताब में कहा गया है, जिस तरह सशस्त्र बलों के जनरल हेडक्वार्टर्स के नजदीक रावलपिंडी से खालिद शेख को पकड़ा गया था उसी तरह यदि अमेरिकी या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां एक दिन उसे रावलपिंडी या इस्लामाबाद में खोज लें तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा। 9/11 के साजिशकर्ता जवाहिरी के खिलाफ चार अन्य के साथ अप्रैल 2012 की शुरुआत में आरोप तय किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने जवाहिरी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी।
इस साल मई में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन की अलकायदा प्रमुख की पाकिस्तान में मौजूदकी की टिप्पणी को चुनौती देते हुए कहा था कि जवाहिरी पाकिस्तान में नहीं है। क्लिंटन ने अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान 7 मई को स्पष्ट रूप से कहा था कि जवाहिरी पाकिस्तान में है। उन्होंने कोलकाता में कहा था, हम अलकायदा का खात्मा चाहते हैं। हमारा विश्वास है कि जवाहिरी पाकिस्तान में है।
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