ब्रिटेन (UK) ने सोमवार को सबसे अधिक आय वाली श्रेणी का आयकर घटाने की योजना रद्द कर दी है. इससे पहले ब्रिटिश सरकार के कर्जे से दबे बजट से बाजार में उठा-पटक मच गई थी और कॉस्ट ऑफ लिविंग (Cost of Living) संकट के दौरान इसकी आलोचना हुई थी. ब्रिटेन की सरकार ने बाजार और पाउंड पर नकारात्मक असर डालने वाले कर कटौती पैकेज के कुछ अहम प्रावधानों को वापस लेने की घोषणा की है. सत्ताधारी कंज़रवेटिव पार्टी की वार्षिक बैठक के दूसरे दिन वित्त मंत्री क्वासी क्वारतेंग ने ट्वीट कर कहा कि वो 45 प्रतिशत के इनकम टैक्स रेट को हटाने नहीं जा रहे हैं और इससे "ध्यान भटक गया" था.
यह घोषणा ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस (Liz Truss) के प्रशासन में पहले बड़े पॉलिसी यू टर्न की तरह देखी जा रही है. लिज़ ने एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री दफ्तर संभाला है.
यह घोषणा ऐसे समय आई है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री ग्रांट शेप्स और मिशेल गोव ने 23 सितंबर को क्वात्रांग द्वारा पेश किए गए मिनी बजट में दिए गए टैक्स कट का विरोध किया था. क्वात्रांग ने प्रस्तावित किया था कि वह $167,400 प्रति वर्ष से अधिक कमा रहे लोगों से 45 प्रतिशत कार्जा हटाएंगे.
इस मिनी बजट के बाद पाउंड डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चला गया था. इस बजट में निजी व्यक्तियों और व्यापारों के बिजली के बिलों को कम करने का प्रस्ताव था. यूक्रेन युद्ध के बाद गैस प्रदाता देश रूस पर प्रतिबंध लगने के बाद बढ़े बिजली के दामों से कुछ राहत देने के लिए यह उपाय किए गए थे.
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