बगदाद:
इराक में सुबह आतंकवादियों द्वारा सोची-समझी साजिश के तहत किए गए एक के बाद एक कई हमलों में कम से कम 55 लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कुछ धमाकों के लिए कार बमों का इस्तेमाल किया गया। ये धमाके ऐसे समय में हुए हैं जब देश में 2011 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहले चुनाव में सप्ताहभर से भी कम का समय बचा है। चुनावों को एक प्रकार से मतदाताओं की सुरक्षा करने की सुरक्षा बलों की अग्नि परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
इन विस्फोटों की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन जिस तरीके से एक के बाद एक विस्फोट हुए, उससे लगता है कि इन्हें अल कायदा की इराक शाखा ने अंजाम दिया है।
इराकी अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादी समूह दिनों दिन मजबूत हो रहा है और सीमा के उस पार सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को अपदस्थ करने के लिए सहयोग के साथ उसका समन्वय मजबूती पकड़ रहा है।
अधिकारी कहते हैं कि सीरिया-इराक सीमा पर बढ़ती अराजकता और सीरियाई समूह नुसरा फ्रंट के साथ सीमापार से बढ़ते सहयोग के चलते उग्रवादियों को हथियारों और विदेशी लड़ाकों की आपूर्ति बढ़ गई है।
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कुछ धमाकों के लिए कार बमों का इस्तेमाल किया गया। ये धमाके ऐसे समय में हुए हैं जब देश में 2011 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहले चुनाव में सप्ताहभर से भी कम का समय बचा है। चुनावों को एक प्रकार से मतदाताओं की सुरक्षा करने की सुरक्षा बलों की अग्नि परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
इन विस्फोटों की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन जिस तरीके से एक के बाद एक विस्फोट हुए, उससे लगता है कि इन्हें अल कायदा की इराक शाखा ने अंजाम दिया है।
इराकी अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादी समूह दिनों दिन मजबूत हो रहा है और सीमा के उस पार सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को अपदस्थ करने के लिए सहयोग के साथ उसका समन्वय मजबूती पकड़ रहा है।
अधिकारी कहते हैं कि सीरिया-इराक सीमा पर बढ़ती अराजकता और सीरियाई समूह नुसरा फ्रंट के साथ सीमापार से बढ़ते सहयोग के चलते उग्रवादियों को हथियारों और विदेशी लड़ाकों की आपूर्ति बढ़ गई है।
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