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जयपुर ब्लास्ट के गुनहगारों पर 17 साल बाद फटा 'जिंदा बम', चार को उम्रकैद

सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने उम्रभर जेल में रखने की सजा की मांग की थी. उन्होंने कहा ये गंभीरतम अपराध है, किसी भी तरह की नरमी नहीं होनी चाहिए.

जयपुर:

राजस्थान की राजधानी जयपुर के 2008 सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इसको लेकर 600 पेज का विस्तृत फैसला जारी किया है. 13 मई 2008 को जयपुर में हुए 8 सीरियल बम धमाकों के बाद नौंवा बम चांदपोल बाजार में मिला था. यह बम ब्लास्ट से 15 मिनट पहले डिफ्यूज कर लिया गया था, जिससे कई लोगों की जान बची थी.

विशेष अदालत ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी माना था. सभी चारों दोषियों को IPC की 4, UAPA की 2 और विस्फोटक अधिनियम की 3 धाराओं में दोषी करार दिया गया. कोर्ट ने आरोपियों को IPC की धारा 120 बी, 121 ए, 124 ए, 153 ए और 307, साथ ही UAPA की धारा 13 और 18 में दोषी माना है.

कोर्ट ने कहा सबसे बड़ा न्यायालय हमारा मन होता है, और सजा हुई है, मतलब गुनाह भी हुआ है. सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने उम्रभर जेल में रखने की सजा की मांग की थी. उन्होंने कहा ये गंभीरतम अपराध है, किसी भी तरह की नरमी नहीं होनी चाहिए.

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बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी 15 साल से जेल में हैं, और 8 मामलों में बरी हो चुके हैं.अदालत ने इन दलीलों को खारिज करते हुए अधिकतम सजा सुनाई. शाहबाज को छोड़ अन्य तीनों को पहले सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी मिली थी. हालांकि हाईकोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया, मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

जयपुर में करीब 17 साल पहले, 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. इस दौरान चांदपोल के रामचंद्र मंदिर के पास जिंदा बम मिला था. इसी मामले में आज ये फैसला आया है. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में जज रमेश कुमार जोशी ने जिंदा बम प्लांट करने के मामले में चारों दोषियों को लेकर फैसला सुनाया है.

दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने पहले 29 मार्च को फैसले का दिन तय किया था, लेकिन पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया था.

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