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This Article is From Feb 26, 2013

1971 युद्ध में राष्ट्रपति निक्सन को करना पड़ा था बगावत का सामना!

वाशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस राइडेल ने अपनी नई किताब ‘अवॉयडिंग आर्मागेडॉन : अमेरिका, इंडिया एंड पाकिस्तान टू दि ब्रिंक एंड बैक’ में दावा किया है कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने जब 1971 की जंग में अपने प्रशासन से भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करने को कहा था तो अमेरिकी राजनयिकों ने कमोबेश बगावत कर दी थी।

किताब में दावा किया गया है कि ढाका में मौजूद अमेरिकी विदेश विभाग की टीम ने तो तथाकथित ‘खूनी पैगाम’ (ब्लड टेलीग्राम) तक लिख डाला था जिसे अमेरिकी विदेशमंत्री विलियम रोजर्स का समर्थन प्राप्त था।

राइडेल ने अपनी किताब में पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी का हवाला देते हुए और 26/11 सहित हर बड़े आतंकवादी हमले के बाद गजब का संयम प्रदर्शित करने के लिए खासतौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं पूरे भारतीय नेतृत्व की सराहना की है ।

किताब में कहा गया है कि आतंकवादी संगठनों का मकसद भारत को भड़का कर पाकिस्तान के साथ युद्ध कराना है लेकिन भारतीय नेतृत्व गजब के संयम का परिचय देता है ।

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