विराट कोहली की फाइल तस्वीर
कोलकाता:
भारत भले ही टी-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया, लेकिन टीम के उपकप्तान विराट कोहली के शानदार खेल की वजह से भारतीय प्रशंसकों को खुशी मनाने के कुछ पल हासिल हुए, जब उन्हें रविवार को कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ वेस्ट इंडीज़ द्वारा फाइनल मैच जीतने के बाद 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' घोषित किया गया।
हालांकि विराट पुरस्कार ग्रहण करने के लिए वहां मौजूद नहीं थे, और उनके स्थान पर ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर को सौंपी गई। दरअसल, भारत को गुरुवार को हुए सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज़ ने ही हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया था, लेकिन पूरे वर्ल्ड कप के दौरान विराट एकमात्र ऐसे बल्लेबाज साबित हुए, जिनके बल्ले ने लगातार रन उगले, और टीम को मैच जिताए। उन्होंने टीम इंडिया को पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
वर्ल्ड टी-20 के दौरान 27-वर्षीय विराट कोहली ने कई बार अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई, और भले ही टीम सेमीफाइनल में हार गई थी, लेकिन विराट ने 89 रनों की शानदार नाबाद पारी खेलकर टीम के 192 रनों के कुल स्कोर में लगभग आधे रन खुद बनाए।
इस दर्शनीय पारी में लगाए 11 चौकों और एक छक्के के अलावा विराट कोहली की अथक दौड़ का भी काफी योगदान रहा, जिन्होंने कई मौकों पर एक रन को दो, और दो रनों को तीन रन में बदला।
इसके अलावा जब सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, विराट ने गेंदबाज के रूप में भी टीम को योगदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, शाम की ओस ने भारतीय स्पिनरों को कुंद कर दिया था, और तेज़ गेंदबाजों को सीमा के पार लगातार पहुंचाया जा रहा था, जिससे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विकट स्थिति में थे। ऐसे में हमेशा की तरह सभी को हैरान करते हुए धोनी ने गेंद कोहली को थमा थी, और विराट ने उन्हें निराश नहीं किया। अपनी पहली ही गेंद पर पार्ट-टाइम गेंदबाज ने जमकर खेल रहे जॉनसन चार्ल्स (52) को आउट कर डाला, और 97 रनों की साझेदारी का खात्मा कर दिया।
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने वर्ल्ड टी-20 टूर्नामेंट में खेली पांच पारियों में 136.50 की गगनचुंबी औसत तथा लगभग 147 के शानदार स्ट्राइक रेट से 273 रन बनाए, जिनमें तीन अर्द्धशतक भी शामिल हैं। वैसे, टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल ने बनाए, लेकिन उन्होंने क्वालिफाइंग दौर में भी मैच खेले थे, और कुल छह मैचों में 73.75 की औसत से 295 रन बनाए।
हालांकि विराट पुरस्कार ग्रहण करने के लिए वहां मौजूद नहीं थे, और उनके स्थान पर ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर को सौंपी गई। दरअसल, भारत को गुरुवार को हुए सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज़ ने ही हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया था, लेकिन पूरे वर्ल्ड कप के दौरान विराट एकमात्र ऐसे बल्लेबाज साबित हुए, जिनके बल्ले ने लगातार रन उगले, और टीम को मैच जिताए। उन्होंने टीम इंडिया को पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
वर्ल्ड टी-20 के दौरान 27-वर्षीय विराट कोहली ने कई बार अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई, और भले ही टीम सेमीफाइनल में हार गई थी, लेकिन विराट ने 89 रनों की शानदार नाबाद पारी खेलकर टीम के 192 रनों के कुल स्कोर में लगभग आधे रन खुद बनाए।
इस दर्शनीय पारी में लगाए 11 चौकों और एक छक्के के अलावा विराट कोहली की अथक दौड़ का भी काफी योगदान रहा, जिन्होंने कई मौकों पर एक रन को दो, और दो रनों को तीन रन में बदला।
इसके अलावा जब सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, विराट ने गेंदबाज के रूप में भी टीम को योगदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, शाम की ओस ने भारतीय स्पिनरों को कुंद कर दिया था, और तेज़ गेंदबाजों को सीमा के पार लगातार पहुंचाया जा रहा था, जिससे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विकट स्थिति में थे। ऐसे में हमेशा की तरह सभी को हैरान करते हुए धोनी ने गेंद कोहली को थमा थी, और विराट ने उन्हें निराश नहीं किया। अपनी पहली ही गेंद पर पार्ट-टाइम गेंदबाज ने जमकर खेल रहे जॉनसन चार्ल्स (52) को आउट कर डाला, और 97 रनों की साझेदारी का खात्मा कर दिया।
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने वर्ल्ड टी-20 टूर्नामेंट में खेली पांच पारियों में 136.50 की गगनचुंबी औसत तथा लगभग 147 के शानदार स्ट्राइक रेट से 273 रन बनाए, जिनमें तीन अर्द्धशतक भी शामिल हैं। वैसे, टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल ने बनाए, लेकिन उन्होंने क्वालिफाइंग दौर में भी मैच खेले थे, और कुल छह मैचों में 73.75 की औसत से 295 रन बनाए।
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