मुंबई में 25 साल से पुनर्वास का इंतजार कर रहे 13,000 परिवार, बता रहे हैं सोहित मिश्रा
प्रकाशित: जून 22, 2021 08:43 PM IST | अवधि: 11:47
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साल 2008 में एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था ‘स्लम डॉग मिलेनियर’, जब ये फिल्म ऑस्कर जीत गई उसके बाद मैंने इस फिल्म को देखा, तब जिस तरह से उसमें भारत को दिखा गया था. फिल्म में जिस तरह से गरीबी दिखाई गई थी. गंदगी दिखाई गई थी. मैं सोचता था कि क्या वाकई इस तरह के हालात देश में होंगे? क्या वाकई, जिस तरह से इन फिल्मों में बताया जाता है, उस तरह के हालात हैं? क्या इतनी गरीबी है? क्या इतनी मजबूरी इस देश में है? मैंने सोचा नहीं था कि मुंबई (Mumbai) में ही मुझे इस तरह के हालात देखने को मिलेंगे.