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उत्तराखंड रजत जयंती: राष्‍ट्रपति ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित, प्रदेश की शौर्य परंपरा को सराहा

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया. इस दौरान राष्‍ट्रपति ने कहा कि राज्य युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में उत्तराखंड में सैन्य परंपरा का भी जिक्र किया.

उत्तराखंड रजत जयंती: राष्‍ट्रपति ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित, प्रदेश की शौर्य परंपरा को सराहा
  • राष्‍ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया और कहा कि राज्य युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा.
  • राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित सत्र में पिछले और आने वाले 25 वर्षों के विकास पर चर्चा होगी.
  • राष्ट्रपति ने महिला शिक्षा, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी और महिला नेताओं के योगदान को महत्वपूर्ण बताया.
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देहरादून:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण के प्रयासों की खुले मन से सराहना की और कहा कि कहा कि राज्य युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. राज्‍य की स्‍थापना के 25 साल पूरे होने के अवसर पर राज्‍य सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया है. 3 और 4 नवंबर को यह विशेष सत्र बुलाया गया है. इस विशेष सत्र में पिछले 25 सालों में राज्य ने क्या मुकाम पाया और राज्य अगले 25 सालों में किस ओर जाएगा, इस पर चर्चा की जाएगी. 

उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में यह दूसरा मौका था जब विधानसभा सदन को राष्ट्रपति ने संबोधित किया. इससे पहले, साल 2015 में तत्‍कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था. राज्य सरकार ने राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण दिया था.  

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उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी के बीच माहौल में कई खुशियां घुली-मिली रहीं. सबसे खास उत्तराखंड स्थापना की रजत जयंती की खुशी थी. एक दिन पहले ही क्रिकेट में बेटियों के विश्व विजेता बनने की खुशी का भी अलग असर था. इनके बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  के उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण के प्रयासों की खुले मन से सराहना की.  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य में महिला शिक्षा के विस्तार पर चर्चा की. मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी की बात को प्रमुखता से उभारा. पुरानी पीढ़ी की स्वर्गीय गौरा देवी से लेकर नई पीढ़ी की वंदना कटारिया तक का नाम लिया. उत्तराखंड आंदोलन में प्रमुख महिला चेहरे स्वर्गीय सुशीला बलूनी के साथ ही बछेंद्री पाल, राधा भट्ट जैसे प्रमुख नामों का उल्लेख किया. पहली महिला स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण की नियुक्ति पर तो राष्ट्रपति की नियुक्ति काबिलेगौर रही. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा ने अपना गौरव बढ़ाया है. राष्ट्रपति ने विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि की अपेक्षा भी जाहिर की. 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में उत्तराखंड में सैन्य परंपरा का भी जिक्र किया. राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में गढ़वाल रेजीमेंट और कुमाऊं रेजिमेंट का अपना एक गौरवशाली इतिहास है. राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड अपनी शौर्य परंपरा से देश दुनिया में अलग पहचान रखता है. 

यूसीसी की खास तौर पर चर्चा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का खास तौर पर जिक्र किया. उन्होंने समानता की मजबूत पैरवी करने वाले संविधान के अनुच्छेद-44 का उल्लेख करते हुए यूसीसी लागू किए जाने की चर्चा की. यूसीसी कानून में योगदान करने पर उन्होंने सदस्यों की सराहना भी की. 

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