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बाढ़, बारिश का कहर जारी: फल-सब्जियां के दाम बढ़े, सड़कें बंद होने से आपूर्ति में आ रही दिक्कतें

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र से फल और सब्जियां मैदानी इलाकों की मंडियों में पहुंचती हैं लेकिन मॉनसून सीजन में लगातार हो रही रिकॉर्ड बारिश ने फल और सब्जियों की आपूर्ति पर ब्रेक लगा दिया है.

बाढ़, बारिश का कहर जारी: फल-सब्जियां के दाम बढ़े, सड़कें बंद होने से आपूर्ति में आ रही दिक्कतें
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
  • उत्तराखंड समेत जम्मू कश्मीर, हिमाचल और पंजाब में भारी बारिश के कारण सड़कों पर भूस्खलन आने से यातायात बाधित
  • उत्तराखंड में 300 सड़कों के बंद होने से खाद्यान्न-फलों की आपूर्ति प्रभावित हुई
  • नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसे जिलों से मैदानी इलाकों में फल, सब्जियां, आयुर्वेदिक औषधियों की सप्लाई बाधित
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देहरादून:

सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. जगह-जगह सड़कें भूस्खलन, मलबा और बड़े बड़े बोल्डर आने की वजह से बंद है. उत्तराखंड में भी भारी बारिश के चलते लगभग 370 से ज्यादा सड़कें बंद हैं जिसमें लोक निर्माण विभाग की 86 तो PMGSY और RWD की 249 सड़कें शामिल हैं. सड़कें बंद होने की वजह से आने-जाने में काफी परेशानियां हो रही हैं. खाने पीने और अन्य खाद्यान्न की चीज पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं जा पा रही है तो इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में पहाड़ों से आने वाली फल और सब्जी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है.

बारिश से फल-सब्जियों की आपूर्ति पर लगा ब्रेक

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र से फल और सब्जियां मैदानी इलाकों की मंडियों में पहुंचती हैं लेकिन मॉनसून सीजन में लगातार हो रही रिकॉर्ड बारिश ने फल और सब्जियों की आपूर्ति पर ब्रेक लगा दिया है. राज्य का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां पर सड़कें बाधित न हो रखी हों. कई जगहों पर नदियों ने कई मीटर सड़कें वॉशआउट कर दी हैं. तो कई जगहों पर भारी मालवा या भूस्खलन होने की वजह से सड़कें लगातार बंद हो रही हैं.

ऋषिकेश यमुनोत्री मार्ग पर कई जगह रास्ते बंद

उत्तरकाशी में ऋषिकेश यमुनोत्री मार्ग कई जगह बार-बार अवरोध हो रहा है. इसी तरह ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी लगातार कई जगहों पर बाधित हो रहा है. उत्तरकाशी की 55 सड़कें बाधित हैं. वहीं उत्तराखंड के जिलों की बात करें जहां से मैदानी जिलों में फल और सब्जियों की सप्लाई होती है उसमें सबसे प्रमुख रूप से नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, विभिन्न प्रकार के फल मैदानी क्षेत्र की मंडियो में और बाजारों में बिकने के लिए पहुंचते हैं. नैनीताल जिले के सेब, आडू, खुबानी, पुलम और आम उत्पाद हैं. अल्मोड़ा जिले के काफल, आडू खुबानी और अखरोट, पिथौरागढ़ के सब और नींबू, चमोली उत्तरकाशी पौड़ी रुद्रप्रयाग टिहरी के विभिन्न प्रकार के पहाड़ी फल और सब्जियां जिसमें सब खुबानी अखरोट माल्ट है.

कई आयुर्वेदिक औषधियों की भी सप्लाई बाधित

इसके अलावा पहाड़ों पर कई प्रकार की सब्जियां, फलों के जूस, कई प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां भी सप्लाई होती हैं. यह सभी प्रकार के उत्पाद जिसमें फल और सब्जियां प्रमुख रूप से हैं. यह दिल्ली या आसपास के क्षेत्र में बिकने के लिए जाती हैं लेकिन लगातार कई सड़कें भूस्खलन या मालवा आने के कारण बंद हो रही हैं जिससे निचले इलाकों में फल और सब्जियां समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं और ना ही ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में खाने-पीने के अलावा गैस की आपूर्ति हो पा रही है.

सब्जियों के दाम बढ़ें

इस वक्त सब्जी मंडियो में टमाटर ₹80 से ₹100 तक बिक रहा है. इसी तरह से गोभी ₹120 किलो तक बिक रही है. धनिया ₹20 प्रति गड्डी की दर से बिक रहा, बीन्स 30 से 40 रुपये की 250 ग्राम की दर से बिक़रही हैं. शिमला मिर्च 80 रुपये किलो, लोकी 60 रुपये किलो की दर से बिक रही है. इसके अलावा सेब,अनार, नाशपाती, अमरूद इत्यादि सब ₹100 किलो से लेकर 350 रुपए किलो तक बिक रहे हैं.

पहाड़ी इलाकों में लोगों तक नहीं पहुंच पा रही सप्लाई

इसके अलावा मैदानी क्षेत्र से पहाड़ी क्षेत्रों में दूध, दही, मक्खन, एलपीजी सिलेंडर और अन्य प्रकार का अनाज समय पर नहीं पहुंच रहा है. कई राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन और मालवा आने के कारण बंद हैं. कई पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ऐसे में खाने-पीने की वस्तुओं की किल्लत जरूर हो रही है. हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि मॉनसून सीजन को देखते हुए पहले ही सभी जिलों में खाने पीने की वस्तुएं खाद्यान्न पेट्रोल डीजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं कर रखी हैं. इसके अलावा दवाइयां भी वहां पर्याप्त मात्रा में मौजूद है.

7 सितंबर तक कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

उत्तराखंड मौसम विभाग ने प्रदेश में 7 सितंबर तक कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा भारी बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो सकती है जिसकी वजह से मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.

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