
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने भू कानून (Uttarahand New Land Law) को मंजूरी दे दी है. सरकार इस कानून को बजट सत्र में पेश करेगी. राज्य में लंबे समय से इस कानून की मांग उठ रही थी और लगातार विरोध-प्रदर्शन भी हो रहे थे. लोग उत्तराखंड में एक सशक्त भू कानून लाए जाने की मांग कर रहे थे. भू कानून को लेकर न सिर्फ बड़े-बड़े प्रदर्शन और जनसभाएं हुईं बल्कि रैलियां भी निकली गईं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2024 के सितंबर महीने में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का खुलासा किया था कि वह एक सख्त कानून लेकर आएंगे, जिससे उत्तराखंड के पहाड़ों की जमीन की हो रही बेलगाम खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सके.
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मुख्यमंत्री धामी ने ये भी कहा था कि जिन लोगों ने राज्य में जिस उद्देश्य के लिए जमीन ली है अगर वह उद्देश्य पूरा नहीं किया गया है वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी. सरकार ने जिलाधिकारी को ऐसे लोगों का विवरण तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने 12.50 एकड़ अन्य भूमि, जिन व्यक्तियों ने उत्तराखंड में पर्यटन, उद्योग, शिक्षण संस्थान जैसी गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर खरीदी, लेकिन उसका उपयोग इसके लिए नहीं किया.
नए भू कानून में क्या है खास?
- त्रिवेंद्र रावत सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त किए गए
- हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर 11 जनपदों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की लैंड नहीं खरीद पाएंगे
- पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती होगी
- जमीनों की खरीदारी के लिए अब जिलाधिकारी नहीं दे पाएंगे अनुमति
- प्रदेश में जमीन खरीद के लिए बनेगा पोर्टल
- पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की 1 इंच जमीन खरीद का भी जवाब होगा
- जमीन खरीदने के लिए राज्य के बाहर के लोगों के लिए शपथ पत्र अनिवार्य होगा
- सभी डीएम को नियमित रूप से राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट देनी होगी
- नगर निकाय सीमा के अंतर्गत जमीनों के तय भू उपयोग के अंतर्गत ही प्रयोग कर पाएंगे
- जमीन का इस्तेमाल अगर नियमों से हटकर किया गया तो इसे सरकार में निहित किया जाएगा
क्यों उठ रही भू कानून की मांग?
दरअसल उत्तराखंड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर यानी ग्रामीण क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति खरीदी जा सकती है. लेकिन कई लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से जमीनें खरीद लीं. इसके बाद लगातार भू कानून की मांग उठ रही थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में इस बात का फैसला लिया कि प्रदेश में सख्त भू कानून कानून लाया जाएगा.
'संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार'
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाकायदा एक्स पर भू कानून को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा "राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !" प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है. यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
"राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !"
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 19, 2025
प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा… pic.twitter.com/FvANZxWiEB
सीएम धामी ने कहा, "हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे. इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा".
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