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This Article is From Dec 22, 2022

US की जिस यूनिवर्सिटी में एक भी छात्र नहीं, यूपी सरकार ने उसके साथ कर लिया 35 हजार करोड़ का समझौता

कैलिफॉर्निया डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के आदेश के मुताबिक, ऑस्टिन यूनिवर्सिटी को 2011 में प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट चलाने की अनुमति मिली थी. इसे 8 दिसंबर 2022 को रद्द कर दिया गया. इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी पर 9965 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया. 

मामला सामने आने के बाद यूपी सरकार ने अलग ही तर्क दिया.

लखनऊ:

यूपी सरकार ने अमेरिका की ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ 35000 करोड़ समझौता किया था, जो अब सवालों के घेरे में है. समझौते के मुताबिक, अमेरिका की ऑस्टिन यूनिवर्सिटी यूपी में 5 हजार एकड़ में नॉलेज सिटी (Knowledge City) बनाने वाली थी. लेकिन यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक वहां अब कोई भी स्टूडेंट इन रोल नहीं है. यूनिवर्सिटी की मान्यता ही रद्द की जा चुकी है. यहां सिर्फ 25% शिक्षक रह गए हैं. मामला सामने आने के बाद यूपी सरकार ने अलग ही तर्क दिया. योगी सरकार (Yogi Government) का कहना है कि ये समझौता ऑस्टिन यूनिवर्सिटी (Austin University)के साथ नहीं, बल्कि ऑस्टिन कंसल्टेंसी ग्रुप (Austin Consultancy Group) के साथ किया गया है.

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यूपी सरकार के समझौते में जिस ऑस्टिन यूनिवर्सिटी का जिक्र है, उसमें एक भी छात्र नहीं पढ़ता. अमेरिका की ब्यूरो फॉर प्राइवेट पोस्ट सेकेंडरी एजुकेशन ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस को पहले ही कैंसिल कर चुकी है. ऑस्टिन यूनिवर्सिटी में अभी 25 फैकल्टी मेंबर ही हैं.

कैलिफॉर्निया डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के आदेश के मुताबिक, ऑस्टिन यूनिवर्सिटी को 2011 में प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट चलाने की अनुमति मिली थी. इसे 8 दिसंबर 2022 को रद्द कर दिया गया. इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी पर 9965 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया.  

NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया प्रशासन के दस्तावेज़ों में MOU पर दस्तख़त होने से कुछ दिन पहले ही ऑस्टिन यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द कर दी गई थी.

मामला सामने आने के बाद यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि ये समझौता ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ नहीं, बल्कि ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ हुआ था. ये सिर्फ समझौता ज्ञापन है. ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के अधिकारियों को यूपी बुलाया जाएगा. यूपी सरकार के अधिकारी सारे दस्तावेज़ों की जांच के बाद ही इस मामले में आगे बढ़ेंगे.

वहीं, यूपी सरकार के कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनसे बहुत बड़ी भूल हुई है. यूपी के अधिकारियों और मंत्रियों ने अपना होमवर्क अच्छे से नहीं किया. अब पूरे मामले पर लीपापोती की जा रही है..

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