(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तरप्रदेश जल निगम की ओर से दायर एक याचिका मंजूर कर ली. इसमें आगरा में जलापूर्ति के लिए नयी पाइपलाइन बिछाने के लिए 234 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गयी थी. न्यायमूर्ति बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को बताया गया कि केंद्र की अधिकारप्राप्त समिति (सीईसी) ने मामले में अपनी रिपोर्ट दे दी है और स्थल के निरीक्षण के बाद समिति ने कुछ शर्तों के साथ पेड़ काटने पर रजामंदी दी है. उप्र जल निगम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि कुल 130 किलोमीटर में से 128 किलोमीटर तक पाइप बिछाई जा चुकी है और बाकी दो किलोमीटर के लिए 234 वृक्षों को काटना पड़ेगा.
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वकील श्याम दीवान ने कहा कि पाइपलाइन बिछाने से गंगा नदी का पानी आगरा शहर पहुंचेगा और पेयजल के लिए इसका इस्तेमाल होगा. शीर्ष न्यायालय ने याचिका मंजूर करते हुए राज्य के वन विभाग से सुनिश्चित करने को कहा कि पेड़ काटने की क्षतिपूर्ति के तौर पर जहां पर पेड़ लगाया जाएगा उसकी समुचित देखभाल होनी चाहिए.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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