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डेटा चोरी, क्लोन चेक, सिम चेंज, ओटीपी... पुलिस ने साइबर गिरोह का किया भंडाफोड़, 10 बदमाशों को दबोचा

पुलिस ने शनिवार सुबह मालागढ़ जाने वाले रास्ते पर रेलवे लाइन के नीचे बने पुल के पास दस बदमाशों को एक मारूति सुजूकी कार के साथ गिरफ्तार किया.

डेटा चोरी, क्लोन चेक, सिम चेंज, ओटीपी... पुलिस ने साइबर गिरोह का किया भंडाफोड़, 10 बदमाशों को दबोचा
बुलंदशहर (यूपी):

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से फिल्मी अंदाज में ठगी करने वाले एक गिरोह के सदस्यों को साइबर सेल पुलिस ने धर दबोचा है. गिरफ्तार साइबर क्राइम करने वाले इन 10 बदमाशों में दो 15-15 हजार रुपये के ईनामी भी शामिल हैं. इनके पास से 42 मोबाइल फोन, 33 सिम कार्ड, 12 चेक बुक, 20 पासबुक और 14 लूज चेक बरामद किए गए हैं.

इस साइबर ठग गिरोह में मेरठ, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, कानपुर, हापुड़ और बुलंदशहर के बदमाश शामिल हैं.

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि बीते 30 जून को बीबीनगर थाना क्षेत्र के लाडपुर गांव के रहने वाले लोतीराम के बैंक खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्लोन चेक के जरिए 15 लाख 39 हजार 500 रुपये की ठगी हुई. साथ ही यूपीआई के माध्यम से एक लाख आठ हजार 773 रुपये की ठगी हुई. इसी मामले को लेकर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया और फिर पुलिस की टीम गिरोह की तलाश में जुट गई.

शनिवार सुबह मालागढ़ जाने वाले रास्ते पर रेलवे लाइन के नीचे बने पुल के पास दस बदमाशों को एक मारूति सुजूकी कार के साथ गिरफ्तार किया गया.

एसएसपी ने बताया ये गैंग एक शातिर ठगों का गैंग है. इस गिरोह का प्रत्येक सदस्य अलग-अलग काम करता था, जिसमें कुछ लोग डाटा चोरी करने (बैंक डिटेल), तथा कुछ लोग सिम बदलवाने का काम करते थे, जो किसी व्यक्ति को मृत दिखाकर उसका सिम किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर करा लेते थे, ताकि जब भी कोई ओटीपी या बैंक से कॉल आए तो उसमें वो व्यक्ति अपने आप को असली व्यक्ति के रूप में दर्शाते हुए उस काल को सत्यापित कर सके.

कुछ लोग चेक का क्लोन बनाने का काम करते थे, जिसमें चेक पर लिखे डाटा को एक कैमिकल की सहायता से हटाकर, जिस खाते से पैसे निकालने होते हैं, फिर उसकी डीटेल अपटेड करते थे, ताकि बैंक को उस क्लोन चेक के बारे में कोई जानकारी न हो पाए. गिरोह के कुछ सदस्य निकाले गए पैसों को अलग-अलग खातों में भेजने का काम करते थे, ताकि उनकी रिकवरी न हो सके.

ये लोग अपनी पहचान छुपाने के लिए अलग-अलग फोन, सिम व वायरलेस सेट का प्रयोग किया करते थे. इसमें इनामी बदमाश उरुज आलम उर्फ आशू ने अलग-अलग नामों से अपनी पहचान छुपाने के लिए आठ आधार कार्ड बनवाए थे. ये बदमाश कार के डैशबोर्ड पर पुलिस की Pcap और वायरलेस सिस्टम रखकर रौब भी दिखाते थे.

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