
- समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ में नया दफ्तर खोला, जिसे PDA भवन कहा जाएगा.
- अखिलेश यादव ने दफ्तर का उद्घाटन किया, इस दौरान कई नेता उपस्थित रहे.
- दफ्तर में मीटिंग हॉल और गेस्ट हाउस सहित 3.5 बीघे जमीन पर बना है.
- आजमगढ़ में कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अखिलेश ने कहा, PDA की एकता ही हमें सत्ता दिलाएगी.
समाजवादी पार्टी का आजमगढ़ में बना नव-निर्मित दफ्तर 'PDA भवन' कहलाएगा. गुरुवार को अखिलेश यादव ने इस बात की घोषणा की. अखिलेश यादव ने विधिवत रूप से आजमगढ़ स्थित दफ्तर का उद्घाटन किया. इस दौरान सपा के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे. मालूम हो कि आजमगढ़ के सैदा इलाके में समाजवादी पार्टी का यह नया ऑफिस बना है. इसमें मीटिंग हॉल भी बना है. एक कॉटेज जैसा गेस्ट हाउस भी है. साढ़े तीन बीघे जमीन में समाजवादी पार्टी का यह भव्य दफ्तर बना है. इस दफ्तर के उद्घाटन के दौरान प
सपा के शानदार दफ्तर के सामने सबके ऑफिस फीकेः अखिलेश
आजमगढ़ में बने सपा के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान ही अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए की एकता ही हमें सत्ता दिलाएगी. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा, "आज हमें खुशी है इस बात की कि बहुत पार्टी कार्यालय देखे हैं हम लोगों ने बीजेपी का कई फ्लोर का पार्टी कार्यालय देखा है लेकिन जितना शानदार समाजवादी पार्टी का कार्यालय दिखाई दे रहा है इसके मुकाबले उनका पार्टी कार्यालय कहीं नहीं है."

अखिलेश बोले- PDA की एकता ही हमें सत्ता दिलाएगी
अखिलेश यादव ने आगे कहा, "हम सब वो लोग हैं जो समय-समय पर पीड़ित रहे हैं, हम लोगों को जानबूझकर दु:खी किया गया, अपमानित किया गया है. इसीलिए हम सब एक सूत्र से बंधे हुए लोग हैं, PDA परिवार हमारा एक है." अखिलेश यादव ने आगे कहा कि हमारे बहुत सारे साथी सुझाव दे रहे थे कि यह जो स्थान बना है, ये जो पार्टी कार्यालय बना इसका नाम क्या हो. ये "PDA भवन" के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि पीडीए की एकता ही हमें सत्ता दिलाएगी."
आजमगढ़ में सपा दफ्तर खुलने का सियासी संदेश समझिए
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी का दफ्तर खोले जाने का मतलब है कि सपा अब पूर्वाचल में अपनी पकड़ मजबूत करना चाह रही है. एक चर्चा यह भी है कि अखिलेश यादव फिर से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. आजमगढ़ उनके चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव अभी लोकसभा के सांसद हैं.
खुद अखिलेश यादव भी आज़मगढ़ के सांसद रह चुके हैं. एक जमाने में उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी यहां से एमपी रहे. कहा जा रहा है कि दो साल बाद यूपी के चुनाव में अखिलेश आज़मगढ़ की किसी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि अखिलेश यादव यहीं से विधानसभा का चुनाव लड़ें.
आजमगढ़ से कुशीनगर से वाराणसी तक होगा प्रभाव
आज़मगढ़ में लोकसभा की 2 और विधानसभा की 10 सीटें हैं. सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी का क़ब्ज़ा है. अखिलेश यादव अगर यहां से चुनाव लड़ते हैं तो फिर पूर्वांचल साधने की रणनीति होगी. कुशीनगर से लेकर वाराणसी तक इस फ़ैसले का प्रभाव पड़ सकता है. इसीलिए पार्टी के नेताओं का एक तबका अखिलेश को आज़मगढ़ से चुनाव लड़ाने की वकालत कर रहा है. फैसला अखिलेश यादव को करना है. इससे पहले वे मैनपुरी की करहल सीट से विधायक रह चुके हैं.
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