
- उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह में दानपात्र की राशि को लेकर महिलाओं के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
- गुरुद्वारे के सेवादार सरदार लखविंदर सिंह के अनुसार दानपात्र में जमा करोड़ों रुपये की बंदरबांट एक साल से अधिक समय से चल रही थी।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर कमिश्नर मुरादाबाद ने दानपात्र की हेराफेरी की जांच के लिए कमेटी गठित की थी।
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील में स्थित गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह से एक शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां गुरुद्वारे में अरदास और कीर्तन के बाद महिलाओं के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस घटना को लेकर गुरुद्वारा के सेवादार ने बताया कि यह विवाद गुरुद्वारे के दानपात्र की राशि को लेकर हुआ है.
गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह में महिलाओं के बीच मारपीट की घटना के पीछे की कहानी गुरुद्वारे के दानपात्र के पैसों की हेराफेरी से जुड़ी हुई है. गुरुद्वारा संगत के सेवादार सरदार लखविंदर सिंह के अनुसार गुरुद्वारे के दानपात्र में जमा होने वाले करोड़ों रुपये की बंदरबांट एक साल से भी अधिक समय से चल रही थी. दानपात्र में जमा होने वाले पैसे की हेराफेरी का आरोप है, जिसे लेकर गुरुद्वारा कमेटी और स्थानीय लोगों में आक्रोश है.
लखविंदर सिंह के अनुसार गुरुद्वारा कमेटी के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर गुरुद्वारे के पैसे की हेराफेरी पर रोक लगाने की मांग की. मुख्यमंत्री के आदेश पर कमिश्नर मुरादाबाद ने जांच कमेटी गठित की, जिसकी रिपोर्ट के बाद स्थानीय लोगों के साथ गुरुद्वारे पर कमेटी के लोगों ने अरदास और कीर्तन शुरू किया.
मुख्यमंत्री के आदेश पर बनी इस जांच रिपोर्ट के आने के बाद क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर गुरुद्वारा कमेटी के लोग बाबा दीप सिंह गुरुद्वारे पहुंचे और वहां विधिवत अरदास की और लंगर बनवाया. क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर गुरुद्वारा का प्रबंध कमेटी के हाथों में आने से बेहद खुशी थी. लेकिन इस बीच दूसरे पक्ष के कुछ लोग और महिलाएं वहां पहुंच गईं. अरदास के बाद दोनों पक्षों की महिलाएं भीड़ गई और महिलाओं के बीच जमकर धक्का मुक्की व मारपीट हुई.
महिलाओं की इस मारपीट पर प्रशासन मौन है और कुछ भी नहीं बोल रहा है. गुरुद्वारा कमेटी के सेवादारी से अनुचित ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों पर इस तरह के विवाद ठीक नहीं अगर किसी को कोई ऐतराज है तो अदालत जाएं.
तमकीन फैयाज की रिपोर्ट
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