
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर (Mayawati On Mosque Loudspeaker) उतारे जाने का मामला गरमाया हुआ है. योगी सरकार ने रमजान से पहले ही पूरे यूपी में अवैध लाउडस्पीकर हटाने का अभियान शुरू किया था. अब इसे लेकर बीएसपी चीफ मायावती योगी सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर इसे यूपी सरकार का पक्षपाती रवैया करार दिया. उनका कहना है कि जानबूझकर एक मज़हब के लोगों को टार्गेट किया जा रहा है. बता दें कि यूपी सरकार के इस आदेश के तहत अब तक आगरा, बरेली से लेकर संभल तक में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं.
मायावती ने कहा कि भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए. लेकिन मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं है.
1. भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) March 4, 2025
"नियम-कानून बिना पक्षपात एक जैसे लागू हों"
बीएसपी चीफ ने कहा कि सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबंदियों और छूट को लेकर नियम-कानूनों को बिना पक्षपात एक जैसा लागू किया जाना चाहिए. लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा. उन्होंने कहा कि इससे समाज में शांति और आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक है, ये चिंता की बात है. सरकारों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
रमजान में गरमाया लाउडस्पीकर उतारे जाने का मामला
बता दें कि पीलीभीत जिले के जहानाबाद थाना क्षेत्र में एक मस्जिद में प्रशासन की अनुमति के बिना लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने के आरोप में एक मौलवी पर रविवार को मुकदमा दर्ज किया गया था. जहानाबाद के थानाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि थाने में तैनात उपनिरीक्षक वरुण की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि शनिवार दोपहर काजीटोला स्थित एक मस्जिद में नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा था.
मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि मौलवी अशफाक को 25 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट और शासन के आदेशों के बारे में बता दिया गया था. जिनके मुताबिक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इ्स्तेमाल नहीं किया जा सकता.
"लाउडस्पीकर से ऐलान के बिना आंख नहीं खुलती"
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने यूपी सरकार से रोजेदारों की सहूलियत को ध्यान में रख लाउडस्पीकर की अनुमति देने की अपील की थी. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि लाउडस्पीकर हटाने का अभियान हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए चलाया जा रहा है. यह आदेश नया नहीं है, यह कई साल पुराना है. सरकार लाउडस्पीकर हटाने के लिए समय-समय पर ऐसे अभियान चलाती रहती है. लेकिन रमजान शरीफ का महीना शुरू हो चुका है और इसमें इफ्तार और सहरी के वक्त में ऐलान की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि सहरी का वक्त सुबह 4:30 से 5 बजे के बीच होता है, तो इस वक्त लोगों को नींद बहुत अच्छी आती है. ऐसे समय में जब तक लाउडस्पीकर से ऐलान न हो, लोगों की आंख नहीं खुलती और उन्हें सहरी का समय पता नहीं चल पाता, इसलिए रमजान शरीफ के महीने में सहरी और इफ्तार के वक्त मुसलमान को सहूलियत और रियायत दी जाए, ताकि अच्छे से रमजान शरीफ हो सके.
"सबके साथ एक जैसा व्यवहार हो"
उन्होंने कहा था कि लाउडस्पीकर उतारे जाने में पक्षपातपूर्ण रवैया न अपनाया जाए. सबके साथ एक ही व्यवहार होना चाहिए. इसी को इंसाफ कहते हैं. हाईकोर्ट का आदेश सबके लिए है. सिर्फ यह आदेश मुसलमान के लिए नहीं है, इसलिए इंसाफ के आधार पर काम होना चाहिए ताकि आवाम का भरोसा हुकूमत पर कायम रहे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं