Tata Asset Management NFO: टाटा एसेट मैनेजमेंट यानि टाटा की एसेट मैनेजमेंट कंपनी या कहें म्यूचुअल फंड कंपनी एक एनएफओ (NFO) लेकर आई है. NFO मतलब न्यू फंड ऑफऱ (New Fund Offer). नाम से ही स्पष्ट है कि नया फंड बनाया गया है और इसका ऑफर लोगों को दिया जा रहा है. जितने भी म्यूचुअल फंड हैं सभी एक न एक दिन पहली बार लोगों के बीच उतारे गए होंगे और आगे भी इस प्रकार की प्रक्रिया चलती रहेगी. जिस दिन उन्हें पहली बार बाजार में उतारा जाता है वह न्यू फंड ऑफर ही होता है. इसके बाद यह बाजार में निवेश कर उसके हिसाब से रिटर्न देने की योजना बनाई जाती है. फंड मैनेज करने वाली कंपनी फंड एक कर बाजार में अलग अलग श्रेणी या कैटेगरी सेगमेंट में निवेश करती है और उसके अनुरूप जो लाभ मिलता है उसी हिसाब से निवेश करने वालों को रिटर्न दिया जाता है. जो कंपनी फंड मैनेज करती है वह अपने यहां फंड मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर नियुक्त करती है जो बाजार के एक्सपर्ट होते हैं और उनका अनुभव और बाजार की समझ आपके पैसे की देख-रेख करता है.
NFO और IPO में अंतर Difference between NFO and IPO
शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग आईपीओ को समझते हैं. यह शुरुआती सार्वजनिक प्रस्ताव (Initial public offer) कहा जाता है. यह कोई भी कंपनी लेकर आती है और बाजार में उसकी साख उसके भविष्य को तय करती है. IPO किसी कंपनी द्वारा खुदरा निवेशकों को किए गए इक्विटी शेयरों का प्रारंभिक ऑफर है. इसके बाद ही कोई भी कंपनी सार्वजनिक व्यापार के लिए स्टॉक मार्केट पर लिस्ट होती है. उधर, NFO एनएफओ एक निवेश फर्म द्वारा शुरू की जाने वाली नई म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट का पहला ऑफर है. अमूमन आईपीओ एक कंपनी द्वारा अपने विस्तार और निवेश जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लाया जाता है और कंपनी इसमें अपने मालिकाना हक को डायल्यूट करते हुए इसे बाजार में लाती है. बाजार से पैसा लेती है और कंपनी के विस्तार योजना में निवेश करती है. यानि किसी कंपनी को पैसे की जरूरत है और कंपनी अच्छा काम कर रही है उसका ट्रैक रिकॉर्ड बढ़िया है तो बाजार से उसे अच्छा प्रतिसाद मिलता है.
NFO क्या है? What is NFO New Fund Offer
NFO का मतलब न्यू फंड ऑफर. NFO एक इन्वेस्टमेंट कंपनी द्वारा निवेशकों से पूंजी को लेकर बाजार में सूझबूझ के साथ निवेश करने के लिए होता है. यह पूंजी म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा इक्विटी, बॉन्ड और अन्य एसेट जैसी सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्ट करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है. इन्हें निवेशों के जरिए कंपनी निवेशकों का पैसा रिटर्न करती है. बढ़िया निवेश प्लानिंग मतलब लोगों को बढ़िया रिटर्न. एनएफओ के ऑफर का भी समय होता है इसके बाद यह ऑफर बंद हो जाता है. फिर स्कीम को लिस्ट किया जाता है और निवेश की प्रक्रिया आरंभ हो जाती है. आगे बात एनएवी की भी होगी.
अंत में सबसे जरूरी बात. पैसा आपका है और आप अपने पैसे पर रिस्क ले सकते हैं या नहीं यह आप ही तय करेंगे. बाजार में निवेश हमेशा रिस्क के साथ आता है. इसलिए किसी जानकार या सलाहकार की सलाह पर ही निवेश करना चाहिए.
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