अगर आपने नई नौकरी ज्वाइन की है या करने वाले हैं, तो सबसे बड़ा काम होता है सैलरी की कैलकुलेशन को समझना. इसे समझने के लिए आपको देखना होगा है कि आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) कितनी होगी, मंथली CTC क्या होगी, इन-हैंड सैलरी (In Hand Salary Calculator India) कितनी आएगी, साथ ही कई दूसरी चीजों पर भी गौर करना होता है. आपकी नेट सैलरी को आमतौर पर टेक-होम सैलरी या इन-हैंड सैलरी (Take-home salary or in-hand salary) भी कहा जाता है. यह वह अमाउंट या इनकम होती है जो एक कर्मचारी को टैक्स, प्रोविडेंट फंड और इस तरह की दूसरी कटौती किए जाने के बाद मिलती है.
यानी कि महीने के आखिर में आपके अकाउंट में जितनी सैलरी ट्रांसफर होती है, वह आपकी नेट सैलरी (Net Salary ) होती है. आपकी नेट सैलरी, ग्रॉस सैलरी (Gross salary calculation) से अलग और कम होती है.नेट सैलरी ग्रॉस सैलरी के बराबर तभी हो सकती है जब इनकम टैक्स जीरो हो और कर्मचारी की सैलरी सरकार की निर्धारित टैक्स स्लैब की सीमा से कम हो. यहां हम आपको बताएंगे कि CTC और इन हैंड सैलरी में क्या अंतर होता है और नेट सैलरी और ग्रॉस सैलरी कैसे कैलकुलेट कर सकते हैं.
क्या होती है CTC
CTC का मतलब है Cost to Company. यह वो कॉस्ट है, जो एक कंपनी अपने किसी कर्मचारी पर खर्च करती है. इसमें बेसिक सैलरी, ग्रॉस सैलरी, प्रोविडेंट फंड और ग्रेजुएटी के साथ ही कंपनी की ओर से दी जाने वाले अन्य सुविधाएं भी शामिल होती हैं. CTC को सालाना आधार पर तय किया जाता है, जिसे एनुअल पैकेज (Annual package) भी कहते हैं.
इन हैंड सैलरी (in hand salary)
नेट सैलरी या इन हैंड सैलरी वो होती है, जो कंपनी की ओर से सभी तरह की कटौती किए जाने के बाद आपको हर महीने मिलती है.
CTC और इन हैंड सैलरी में अंतर
CTC में कर्मचारी के ऊपर कंपनी कुल कितना खर्च करती है वो अमाउंट शामिल होता है, जबकि इन हैंड सैलरी कई तरह की कटौती किए जाने के बाद दी जाती है.
CTC सैलरी में PF, मेडिकल इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाओं का खर्च शामिल होता है, जबकि इन हैंड सैलरी में से इन सभी अमाउंट को काटा जाता है.
Salary Calculator का यूज करके निकालें In-hand Salary
अपनी In-hand Salary यानी नेट सैलरी निकालने के लिए आप Salary Calculator या Take Home Salary Calculator का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको नीचे बताए स्टेप्स फॉलो करने होंगे
स्टेप 1. नेट सैलरी कैलकुलेट करने के लिए सबसे पहले आपको अपना सालाना CTC कितना है वो डालना होगा.
स्टेप 2. अब दूसरे Variable जैसे कि सालाना बोनस आदि डालिए.
स्टेप 3. फिर अपनी बेसिक सैलरी डालिए.
स्टेप 4. कैलकुलेट करने पर आपकी इन-हैंड सैलरी निकल आएगी.
स्टेप 5. अगर आपको अपनी असली इन-हैंड सैलरी निकालनी है तो HRA, रेंट, ग्रेच्युटी, EPF और दूसरे अलाउंस कैलकुलेट करके आप अपनी इन-हैंड सैलरी निकाल सकते हैं.
नेट सैलरी (Take-home salary) कैलकुलेट करने के लिए आप इस फॉर्मूले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
नेट सैलरी = ग्रॉस सैलरी – टैक्सेबल इनकम
यानी नेट सैलरी निकालने के लिए आपको पहले अपनी ग्रॉस सैलरी पता होनी चाहिए. ग्रॉस सैलरी न तो आपकी कॉस्ट टू कंपनी (CTC ) होती है और न ही आपकी बेसिक सैलरी. CTC से EPF और ग्रेच्युटी घटाने के बाद ग्रॉस सैलरी मिलती है.
ग्रॉस सैलरी = CTC – EPF – ग्रेच्युटी
ग्रॉस सैलरी और टैक्सेबल इनकम निकालने के बाद आप ऊपर बताए फॉर्मूले से अपनी नेट सैलरी निकाल सकते हैं.
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