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केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग ने एक पोर्टल लॉन्य किया है. इस पोर्टल का आधिकारिक उद्घाटन मंगलवार को गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया है. इस पोर्टल के माध्यम से करीब 10 करोड़ लोगों फायदा है. ये फायदा उन लोगों को होगा जो जिनका पैसा सहारा की कंपनियों में लगा था. सालों से ऐसे करोड़ों लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि उनका पैसा कभी वापस बी मिलेगा या नहीं. लेकिन अब सरकार की इस पहल के बाद इन करोड़ों लोगों में उम्मीद बंधी है.
केंद्र सरकार ने CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल के जरिए से सहारा समूह के करोड़ों जमाकर्ताओं को 45 दिनों में अपने पैसे को क्लेम करने का मौका मिलेगा. पोर्टल के लॉन्च करने के मौके पर शाह ने कहा कि ये पहली बार है, जब जमाकर्ताओं को ऐसे मामले में रिफंड की व्यवस्था की गई है. इस रिफंड के प्रोसेस में कई सरकारी एजेंसियां शामिल हैं.
केंद्र सरकार की ओर से रिफंड के लिए https://cooperation.gov.in/ पोर्टल बनाया गया है. इस पोर्टल या कहें वेबसाइट को IFCI की सब्सिडियरी ने बनाया है. यहां पर जाने के बाद जिस किसी को भी अपना पैसा क्लेम लेना है यानी जिन लोगों का पैसा सहारा की कुछ कंपनियों में लगा है वे इस वेबसाइट पर जा सकते हैं और दी गई प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं. यहां पर जाने पर स्क्रीन पर बाईं ओर नीचे की तरफ CRSC Sahara Refund Portal पर क्लिक करना है. इस क्लिक करते ही https://mocrefund.crcs.gov.in/ पर आ चले जाएंगे. यहां पर पहुंचने पर बाईं और ऊपर जमाकर्ता पंजीयन पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना है. पूरी प्रक्रिया पालन करें. यह पर को-ऑपरेटिव सोसायटी के जमाकर्ता अपना-अपना क्लेम बता सकते हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 5,000 करोड़ रुपये सहारा-SEBI रिफंड अकाउंट से CRSC यानी Central Registrar of Cooperative Societies में ट्रांसफर किए गए हैं.
बता दें कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पैसा लौटाने की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था. इस पर 29 मार्च को सरकार ने कहा था कि 9 महीने के भीतर 10 करोड़ निवेशकों को पैसे लौटा दिया जाएगा. किसी प्रकार की धोखाधड़ी या गड़बड़ी न हो इसलिए सरकार की ओर से पारदर्शी व्यवस्था के अनुरूप वेबसाइट पर क्लेन रजिस्टर करने और फिर क्लेम की जांच के बाद भुगतान की व्यवस्था की गई है.
वेबसाइट के सार्वजनिक किए जाने के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले जमाकर्ताओं को 10,000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा. उसके बाद जिन्होंने ज्यादा राशि का निवेश किया है, उनके लिए राशि बढ़ा दी जाएगी. पहले चरण में, 1.7 करोड़ जमाकर्ताओं की जरूरतें पूरी हो जाएंगी, ये देखते हुए कि 5,000 करोड़ रुपये का कॉपर्स मौजूद है.
शाह ने बताया कि एक बार 5,000 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं यानी ये रकम उन लोगों को वापस कर दी जाती है जिनकी यह रकम थी, तब सरकार फिर सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करेगी और उन्हें ज्यादा पैसे रिलीज करने की मांग की जाएगी. इससे दूसरे जमाकर्ताओं की राशि का भी पूरा रिफंड किया जा सकेगा. शाह ने यह भी कहा कि सहारा ग्रुप की चार को-ऑपरेटिव सोसायटी में जमाकर्ताओं को अपने पैसे का रिफंड 45 दिनों में मिल जाएगा.
सरकार की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि क्लेम लेने के लिए दो बातें काफी अहम है. पहली, मोबाइल के साथ आधार का रजिस्ट्रेशन और दूसरी, आधार के साथ बैंक अकाउंट का लिंक होना. इस खाते में रिफंड को जमा किया जाएगा. बता दें कि सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसायटी में करीब 2.5 करोड़ लोगों के 30,000 रुपये तक जमा हैं.
सहारा की इन सोसाइटियों में सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसायटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी और स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड शामिल हैं.
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