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This Article is From Apr 12, 2024

Mutual Funds में निवेशकों का भरोसा कायम, SIP से निवेश बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हुआ

Mutual Funds Investment: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है.

Mutual Funds में निवेशकों का भरोसा कायम, SIP से निवेश बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हुआ
SIP Investment: इस साल फरवरी और मार्च के लगातार दो महीनों में एसआईपी अंशदान 19,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
नई दिल्ली:

वित्त वर्ष 2023-24 में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) यानी एसआईपी(SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Funds Investment) सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड दो लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड निवेश 1.56 लाख करोड़ रुपये रहा था. यह राशि वर्ष 2021-22 में 1.24 लाख रुपये और 2020-2021 में 96,080 करोड़ रुपये रही थी.

उद्योग निकाय ‘एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया' (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है. वित्त वर्ष 2016-17 में यह राशि 43,921 करोड़ रुपये थी.

मार्च के महीने में एसआईपी के जरिये फंड निवेश 35 प्रतिशत की उच्च वृद्धि के साथ 19,270 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया. मार्च, 2023 में यह आंकड़ा 14,276 करोड़ रुपये था. 

इस साल फरवरी और मार्च के लगातार दो महीनों में एसआईपी अंशदान 19,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है. यह निवेशकों के बीच अधिक अनुशासित निवेश रणनीति की ओर रुझान को दर्शाता है.

क्वांटस रिसर्च के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक कार्तिक जोनागदला ने कहा, ‘‘पिछले साल मजबूत प्रदर्शन से प्रेरित होकर निवेशकों ने इक्विटी को अधिक अहमियत दी. इससे पता चलता है कि निवेशक नियमित तौर पर पोर्टफोलियो मूल्यांकन और उसके हिसाब से बदलाव कर रहे हैं.''

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती बाजार भागीदारी के साथ एक उत्साही आर्थिक दृष्टिकोण ने भी एसआईपी प्रवाह बढ़ाने में मदद की. म्यूचुअल फंड में निवेशकों का विश्वास जारी है.

यह मार्च, 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से भी परिलक्षित होता है. मार्च में एसआईपी से प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां भी बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये हो गईं.

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