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This Article is From Aug 01, 2023

बीत गई आईटीआर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख, अब क्या करें जानें यहां

जो लोग आयकर के दायरे में आते हैं और उनका पहले से इनकम टैक्स लगता चला आ रहा है. कुछ लोगों का तो काफी इनकम टैक्स होता है और ऐसे लोग यदि आयकर रिटर्न भरना भूल गए हैं तो उन्हें विलंबित आयकर रिटर्न फाइल करना होगा. इसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं.

बीत गई आईटीआर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख, अब क्या करें जानें यहां
आयकर विभाग सभी फाइल रिटर्न की स्क्रूटनी करता है.
नई दिल्ली:

ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई बीत गई है. सरकार ने इस बार तारीख को बढ़ाया भी नहीं. अब भी कुछ लोग अपने निजी जीवन की व्यस्तताओं की वजह से आईटीआर फाइल नहीं कर पाए होंगे. अब उन्हें चिंता सता रही होगी कि अब क्या करें. कई आयकर विभाग उन्हें तुरंत नोटिस तो नहीं भेज देगा. कहीं, उनपर कोई कार्रवाई तो नहीं हो जाएगी. यह सब कारण उन्हें कुछ दिक्कत पैदा कर रहे होंगे.

यह अलग बात है कि हर आयकर दाता को और जो आयकर के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें भी अपना आईटीआर भरना चाहिए. कोशिश तो यही होनी चाहिए कि हर हाल में समय पर ही आईटीआर फाइल कर दें. फिर भी अगर अंतिम तारीख निकल जाए तो क्या करें. आज इस लेख पर इसी बात पर चर्चा करते हैं.

बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग

जो लोग आयकर के दायरे में आते हैं और उनका पहले से इनकम टैक्स लगता चला आ रहा है. कुछ लोगों का तो काफी इनकम टैक्स होता है और ऐसे लोग यदि आयकर रिटर्न भरना भूल गए हैं तो उन्हें विलंबित आयकर रिटर्न फाइल करना होगा. इसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं. क्योंकि निश्चित समय के भीतर आयकर रिटर्न फाइल नहीं हुआ और अब ऐसे लोगों को बिलेटेड रिटर्न फाइल करना है तो यह भी जान लेना चाहिए कि यहां भी कोई असीमित समय नहीं दिया जाता है. यहां पर भी एक तय तारीख के भीतर रिटर्न दायर करना होता है. और यदि इस तारीख तक भी बिलेटेड रिटर्न फाइल नहीं किया गया तो फिर रिटर्न फाइल करने का कोई तरीका नहीं बचता है. इसके बाद तो केवल सरकारी कार्रवाई का इंतजार और फिर पूरी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होता है.

उल्लेखनीय है कि बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2023 है. यानी जो लोग अभी किसी न किसी कारणवश अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं तो वे लोग अभी भी अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं. लेकिन यह तय है कि 31 दिसंबर से पहले वे इस काम को पूरा कर लें. यानी सरकार की ओर से पूरी छूट है कि जो लोग समय पर रिटर्न फाइल करने से चूक गए हैं तो वे लोग अपना रिटर्न जिसे अब बिलेटेड रिटर्न कहेंगे फाइल कर सकते हैं. सवाल उठता है कि समय पर रिटर्न भरने और समय पर रिटर्न फाइल न कर पाने में फिर क्या फर्क है. जी हां, फर्क है. अब ऐसे लेट या कहें देरी से रिटर्न फाइल करने वालों को कुछ न कुछ तो पेनल्टी या फीस देनी होगी. इसी लेट फीस कहते हैं.

लेट फीस लगेगी

आप समझ ही गए होंगे कि अगर तय तारीख तक रिटर्न भरा नहीं गया है तो अब लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल करने का समय है. लेट फीस का भी नियम है. जिस व्यक्ति की जितनी आय है उसे हिसाब से उस पर लेट फीस लगाई जाती है. इस मोटा मोटा हिसाब कुछ इस प्रकार से है. यदि कुल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है और रिटर्न तय तारीख (31 जुलाई जो अब बीत चुकी है) के बाद किया जाता है, तब लेट फीस 5,000 रुपये देय है और यदि कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तब लेट फीस 1,000 रुपये से ज्यादा नहीं होती है.

खास बात यह है कि ऐसे लोग जो कर छूट की सीमा के भीतर आय करते हैं ऐसे लोगों को देरी से आईटीआर फाइल करने की सूरत में कोई लेट फीस नहीं देनी होती है.

अब एक बात और जो गौर करने की है. अब जब यह पता चल गया है कि देरी के साथ आयकर रिटर्न फाइल किया जा सकता है और अब यह तारीख 31 दिसंबर है तो कई लोगों के मन में फिर यह ख्याल आ रहा होता है कि अभी तो टाइन में लेट फीस तो अभी दायर करने पर भी उतनी ही लगेगी और दिसंबर में फाइल करने पर भी उतनी ही लगेगी. अगर ऐसा सोच रहे हैं तब आप गलत सोच रहे हैं. कारण यह है कि अब फिर आप जितना देरी से आईटीआर फाइल करेंगे उतना नुकसान में रहेंगे. आप पहले ही गलती कर चुके हैं जिसका खामियाजा लेट फीस के तौर पर भुगत रहे हैं और अब भी यदि देरी की जाती है तो लेट फीस के साथ ब्याज भी देना होता है. अब जानिए ये ब्याज कैसे लगेगा.

ब्याज भी लगता है

यदि टैक्सपेयर ने समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है और उन्हें इनकम पर कुछ टैक्स चुकाना है. ऐसे स्थिति में पीनल इंटरेस्ट देना होता है यानी इस देरी की सजा के तौर पर अतिरिक्त ब्याज देय होता है. ये कर राशि के एक प्रतिशत हर महीने की दर से लगाया जाता है. साथ ही यहां पर नियम और सख्त हो जाता है. एक महीने के बाद यदि एक दिन अगले महीने का हो जाता है तो पूरे महीने का ब्याज देय होता है. ये जान लें कि देरी को रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख से कैलकुलेट किया जाएगा और जिस दिन बिलेटेड रिटर्न फाइल होता है, उस दिन ये खत्म होगा.

देरी से रिटर्न फाइल करने पर कुछ और नुकसान भी होता है. अच्छा हो कि लेट से रिटर्न फाइल करने वाले किसी जानकार से सलाह के साथ जल्द से जल्द रिटर्न फाइल कर लें.

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