GST rates on Popcorn: थिएटर में मूवी देखते हुए पॉपकॉर्न खाना अक्सर लोग पसंद करते हैं, जबकि ये बाहर की तुलना में काफी महंगा होता है. लेकिन अब इसे खरीदना और महंगा साबित हो सकता है. दरअसल 21 दिसंबर 2024 को राजस्थान के जैसलमेर शहर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है.
अब पॉपकॉर्न की कीमतें इसके फ्लेवर और पैकेजिंग के हिसाब से तय होंगी. इस बैठक में पॉपकॉर्न पर लगने वाले टैक्स (Popcorn GST) पर एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
मूवी थिएटर में पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स देना होगा?
इस स्पष्टीकरण के मुताबिक, रेडी- टू- ईट पॉपकॉर्न पर 5% टैक्स लगेगा, प्री-पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12% GST लगेगा और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18% GST (GST on Caramel Popcorn) लगेगा. विभाग का मानना है कि इस वर्गीकरण से पॉपकॉर्न प्रोडक्ट पर टैक्स लायबिलिटी को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन खत्म हो जाएगा.
पैक नमकीन और बटर पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी टैक्स
सरकारी स्पष्टीकरण से यह साफ है कि नमकीन और बटर पॉपकॉर्न कर खुला बेचने पर उस पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, लेकिन यही पैक करके बेचने पर इस 12 फीसदी टैक्स लगेगा और जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ मिक्स (added sugar) किया जाएगा तो GST 18 फीसदी हो जाएगा. लेकिन लोगों में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि कैरेमल पॉपकॉर्न (Caramelised popcorn) को खुला बेचा जाएगा तो क्या उस पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा या तब भी उस पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा.
कैरेमल पॉपकॉर्न पर देना होगा ज्यादा टैक्स
वहीं कुछ का कहना पॉपकॉर्न को खुले में बेचने पर भी कैरेमल पॉपकॉर्न पर ज्यादा टैक्स देना होगा. क्योंकि कैरेमलाइज्ड होने पर यह पॉपकॉर्न नहीं रह जाता है, फिर यह एक कन्फेक्शनरी (sweet) बन जाता है, जिस पर ज्यागा GST लगेगा और यह सिनेमाघरों में बिकने वाले पॉपकॉर्न पर भी लागू होगा. यानी इस हिसाब से सिनेमाघरों में बिकने वाला कैरेमल पॉपकॉर्न भी महंगा हो जाएगा.
जब पॉपकॉर्न को चीनी (कैरेमल पॉपकॉर्न) के साथ मिलाया जाता है, तो यह शुगर कन्फेक्शनरी में बदल जाता है, और इसलिए इसे HS 1704 90 90 के तहत वर्गीकृत किया जाएगा, और GST परिषद के स्पष्टीकरण के मुताबिक, इस पर 18 फीसदी GST लगेगा.
ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप्स पर GST लगाने पर भी चर्चा
इस बैठक में GST काउंसिल ने क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप्स पर GST लगाने पर भी चर्चा की. हालांकि, वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बात की पुष्टि की कि अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और सभी से अंतिम निर्णय आने तक इस मामले पर अटकलें लगाने से बचने का आग्रह किया.
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