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FD निवेशकों के लिए खुशखबरी,अब इतने समय से पहले प्रीमैच्योर विड्रॉल पर नहीं लगेगी कोई पेनल्टी

Premature Withdrawal of Fixed Deposit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम के मुताबिक आपको FD कराने के 3 महीने के भीतर पैसा निकालने की आजादी होगी. आप बिना किसी ब्याज के 3 महीने के भीतर छोटे डिपॉजिट (10,000 रुपये तक) की पूरी रकम निकाल सकते हैं.

FD निवेशकों के लिए खुशखबरी,अब इतने समय से पहले प्रीमैच्योर विड्रॉल पर नहीं लगेगी कोई पेनल्टी
RBI ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं.
नई दिल्ली:

Big relief to FD investors: ज्यादातर लोग सुरक्षित होने के चलते FD में निवेश करना पसंद करते हैं. अगर आप भी ऐसे निवेशकों में शामिल हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. RBI ने फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए. 1 जनवरी 2025 से FD कराने के 3 महीने के अंदर प्रीमेच्योर विड्रॉल (Premature withdrawal) पर पेनल्टी नहीं देनी होगी.

RBI ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं. इसमें नॉमिनी बनाने से लेकर FD प्रिमैच्योर विड्रॉल नियम तक शामिल हैं. चलिए जानते हैं आरबीआई के नए नियमों के बारे में

FD से जुड़ा RBI का नया नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम के मुताबिक आपको FD कराने के 3 महीने के भीतर पैसा निकालने की आजादी होगी. आप बिना किसी ब्याज के 3 महीने के भीतर छोटे डिपॉजिट (10,000 रुपये तक) की पूरी रकम निकाल सकते हैं. वहीं बड़े डिपॉजिट के लिए, मूल रकम (Principal amount) का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक का पार्शियल विड्रॉल (partial withdrawal) बिना ब्याज के तीन महीने के भीतर किया जा सकता है.

सिर्फ इतना ही नहीं, गंभीर बीमारी (Critical illness) के मामलों में डिपॉजिटर यानी जमाकर्ता को डिपॉजिट टर्म की परवाह किए बिना पूरी मूल रकम बिना ब्याज के समय से पहले निकाल की इजाजत है. साथ ही ज्यादा टाइमली अपडेट के लिए अब, गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मैच्योरिटी डेट से कम से कम दो हफ्ते पहले जमाकर्ताओं को मैच्योरिटी डिटेल के बारे में जानकारी देना जरूरी होगा.

1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले दूसरे बदलाव  
नॉमिनी अपडेट: नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) को निर्देश दिया गया है कि वह सही तरह से भरे गए नॉमिनेशन फॉर्म की प्राप्ति, नॉमिनी को रद्द करने या उसमें बदलाव करने की जानकारी देने के लिए एक प्रॉपर सिस्टम बनाएं. सभी कस्टमर्स को यह एक्नॉलेजमेंट देना जरूरी होगा, चाहे उन्होंने रिक्वेस्ट की हो या नहीं.

विड्रॉल संबंधी नियम: RBI के निर्देश के मुताबिक, सार्वजनिक जमा रखने वाले व्यक्तिगत जमाकर्ताओं (individual depositors) को जमा की तारीख से तीन महीने के भीतर प्रिमैच्योर विड्रॉल रिक्वेस्ट की इजाजत होगी. तीन महीने के भीतर डिपॉजिटर मूल रकम का अधिकतम 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) बिना किसी ब्याज के निकाल सकता है. इस तरह बाकी रकम पर उसे ब्याज मिलता रहेगा.

गंभीर बीमारी के मामलों में: गंभीर बीमारी (critical illness) के मामलों में डिपॉजिटर्स के पास जमा की तारीख से तीन महीने के भीतर अपना पूरा original deposit amount यानी मूल रकम निकालने के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है. ध्यान दें यह नियम उन मौजूदा जमा कॉन्ट्रैक्ट पर भी लागू होता है, जो पहले शुरुआती तीन महीनों के भीतर समय से पहले निकासी के अधिकार की इजाजत नहीं देते थे.

डिपॉजिट मैच्योरिटी की जानकारी: पहले NBFC को जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि की मैच्योरिटी डेट के बारे में कम से कम दो महीने पहले इन्फॉर्म करना आवश्यक था. लेकिन अब ज्यादा टाइमली अपडेट के लिए NBFC को मैच्योरिटी डेट से कम से 14 दिन पहले डिपॉजिटर को मैच्योरिटी डेट के बारे में जानकारी देनी होगी.

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