सोने की कीमत (Gold Prices) में तेजी की वजह से आम आदमी के लिए सोना खरीदना मुश्किल होता जा रहा है. भारत में सोने का भाव (Gold Rate In India) 83,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है. हालांकि सोने की कीमतों (Gold Rate) में बुधवार, 29 जनवरी 2025 को लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली.
आम बजट 2025-26 से पहले सोने के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है. 24 कैरेट सोना प्रमुख शहरों में 81,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है, जो लंबे समय बाद 82,000 रुपये के नीचे आया है. वहीं, 22 कैरेट सोना करीब 75,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है.
सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद घटी
पिछले हफ्ते सोने की कीमतें अपने रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गई थीं, लेकिन इसके बाद से बाजार में करेक्शन देखने को मिल रहा है. ऑल इंडिया बुलियन एसोसिएशन से मिली जानकारी के मुताबिक, ज्वेलर्स और रिटेलर्स की सुस्त मांग की वजह से दिल्ली के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत में 160 रुपये की गिरावट देखी गई है. 99.9 फीसदी प्योरिटी वाले गोल्ड की कीमत मंगलवार को 160 रुपये घटकर 82,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई जबकि सोमवार को यह 83,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. लेकिन गोल्ड की कीमत पिछले लंबे समय से 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के ऊपर बनी हुई हैं.
दिल्ली में आज 24 और 22 कैरेट सोने के दाम (Todays Gold Rate in Delhi)
दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत में करीब 350 रुपये की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह घटकर 82,070 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया.वहीं, 22 कैरेट सोना बिना किसी बदलाव के 75,240 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर बना हुआ है.
1 फरवरी को गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ेगी या होगी कम?
जब जुलाई में वित्त मंत्री ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया था, तो उन्होंने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी (Gold Import Duty) कम की थी. जिसकी वजह से गोल्ड का भाव 80,000 रुपए के भाव से काफी नीचे चला गया था. ऐसे में क्या इस बार 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर गोल्ड की कीमतों को नीचे लाने के लिए कोई कदम उठाएंगी, ताकि फिर से आम आदमी को थोड़ी राहत मिल सके.
दरअसल, जुलाई के बजट में कस्टम ड्यूटी कम करने की वजह से व्यापार घाटे को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिसकी वजह से सरकार इस आगामी बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है. बता दें कि मौजूदा समय में भारत गोल्ड पर 6% इम्पोर्ट टैक्स लगाता है, जो पिछले 15% से काफी कम है.
ज्वेलरी और बुलियन डीलर की मांग
जाहिर है सोने की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से ग्राहक इसे लेने से कतरा रहे हैं. इसलिए देश के ज्वैलरी और बुलियन डीलर्स चाहते हैं कि फाइनेंस मिनिस्टर गोल्ड की कीमतों को नीचे लाने पर फोकस करें. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इसके लिए EMI पर गोल्ड खरीदने का कोई मैकेनिज्म बना सकती है.
सिंगल गोल्ड रेग्युलेटर की मांग
आपको पता होगा कि गोल्ड का कई तरीके से कारोबार किया जाता है. जैसे गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) और फिजिकल गोल्ड (Physical Gold), इस वजह से इन्हें अलग-अलग रेग्युलेटर द्वारा रेग्युलेट किया जाता है. इन रेगुलेटर्स में भारतीय प्रतिभूति नियामक बोर्ड (SEBI), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) शामिल हैं. बता दें कि वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) भी सोने के कारोबार पर अपनी नजर बनाए रखते हैं.
इसलिए एकस्पर्ट का मानना है कि इस इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए जरूरी है कि इसे रेग्युलेट करने के लिए कोई एक सिंगल रेगुलेटर हो. इस तरह से गोल्ड की कीमतों को तय करने में आसानी होगी और देशभर में सोने की कीमतों में समानता भी लाई जा सकेगी.
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