
भाई दूज के मौके पर दिल्ली सरकार महिलाओं और ट्रांसजेंडर लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है.आज यानी गुरुवार से सरकार सहेली स्मार्ट कार्ड (Saheli Smart Card) योजना शुरू करने वाली है. इस कार्ड के जरिए महिलाएं और ट्रांसजेंडर यात्री दिल्ली की डीटीसी (DTC) और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने परिवहन विभाग को सभी तैयारियां जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं यह योजना सफलतापूर्वक शुरू की जा सके. आइए जानते हैं सहेली स्मार्ट कार्ड क्या है ? यह कैसे काम करेगा? इसके क्या फायदे हैं और ये कैसे मिल सकता है.
क्या है सहेली स्मार्ट कार्ड?
सहेली स्मार्ट कार्ड को पहले चल रहे पेपर-आधारित ‘पिंक टिकट सिस्टम' की जगह लाया जा रहा है, जो 2019 में शुरू हुआ था. यह कार्ड एक डिजिटल ट्रैवल पास होगा, जिससे महिलाएं बिना किसी समय सीमा के जीवनभर फ्री सफर कर सकेंगी. यह दिल्ली सरकार की तरफ से सार्वजनिक परिवहन को डिजिटल और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. कार्ड पर यात्री का नाम और फोटो भी रहेगा ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो सके.
कौन ले सकता है सहेली स्मार्ट कार्ड?
यह कार्ड सिर्फ दिल्ली में रहने वाली महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मिलेगा. जिनकी उम्र 12 साल या उससे अधिक है, वे इस योजना का लाभ ले सकेंगी.सहेली कार्ड रखने वाले यात्री डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री सफर कर सकेंगे. इसके अलावा, वे इसी कार्ड को दिल्ली मेट्रो या अन्य ट्रांसपोर्ट सेवाओं जहां पेमेंट जरूरी हो रीचार्ज कर उपयोग कर सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
- सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.
- आवेदक को दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (DTC) की वेबसाइट पर जाकर 'Saheli Smart Card Registration' सेक्शन में रजिस्ट्रेशन करना होगा.
- आवेदन के दौरान नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, पता और मोबाइल नंबर भरना होगा.
- इसके साथ फोटो और जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड या जन्म प्रमाणपत्र अपलोड करने होंगे.
- आवेदन सबमिट करने के बाद KYC वेरिफिकेशन के बाद कार्ड जारी किया जाएगा.
- बता दें कि डीटीसी काउंटर पर सीधे कोई कार्ड जारी नहीं किया जाएगा.
कैसे काम करेगा सहेली कार्ड ?
एक बार कार्ड एक्टिवेट होने के बाद, यात्री बस में चढ़ते समय बस की ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन मशीन (AFCS) पर कार्ड टैप करेंगे. इससे यात्रा का रिकॉर्ड अपने आप सिस्टम में दर्ज हो जाएगा और टिकटिंग प्रोलेल पूरी तरह डिजिटल और कैशलेस हो जाएगी.
पिंक टिकट से स्मार्ट कार्ड तक का सफर
2019 में शुरू हुई पिंक टिकट स्कीम के तहत अब तक लगभग 150 करोड़ से ज्यादा टिकटें जारी की गईं. लेकिन इसमें कई बार पेपर टिकट्स के गलत इस्तेमाल की शिकायतें भी आईं. अब सहेली स्मार्ट कार्ड इस पूरी प्रक्रिया को टेक्नोलॉजी-ड्रिवन, ट्रांसपेरेंट और आसान बना देगा.दिल्ली सरकार का कहना है कि महिला यात्रियों की हिस्सेदारी कुल डीटीसी यात्रियों में करीब 32% है. ऐसे में यह कार्ड महिलाओं की यात्रा को और सुरक्षित, सुविधाजनक और सशक्त बनाएगा.
इस योजना का मकसद है कि महिलाएं और ट्रांसजेंडर लोग सुरक्षित, सम्मानजनक और डिजिटल तरीके से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकें.
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