Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट 2025 पेश करेंगी. इस बजट में सैलरीड क्लास को ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है. पिछले साल पेश हुए बजट में नया टैक्स सिस्टम लागू किया गया था, जिसमें सिम्प्लिसिटी पर जोर था.
हालांकि, इसके बावजूद कई लोग आज भी पुराने सिस्टम को ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसमें कई डिडक्शंस और एक्सेम्प्शंस मिलते हैं. पुराने टैक्स सिस्टम के तहत सेक्शन 80C और 80D जैसे फायदे मिलते हैं. 80C के तहत पीपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होम लोन रीपेमेंट जैसे इन्वेस्टमेंट्स पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.
क्या है टैक्सपेयर की उम्मीदें ?
HRA में बदलाव की मांग
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे मेट्रो सिटीज में HRA एक्सेम्प्शन बेसिक सैलरी का 50% है, जबकि बाकी शहरों में यह 40% तक सीमित है. बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और गुड़गांव जैसे तेजी से बढ़ते शहरों को ध्यान में रखते हुए, यहां भी HRA लिमिट 50% करने की मांग की जा रही है.
सेविंग्स और FD पर डिडक्शन
इस समय सेक्शन 80TTA के तहत केवल सेविंग्स अकाउंट इंटरेस्ट पर डिडक्शन मिलता है. इसे बढ़ाकर टर्म डिपॉजिट्स पर भी लागू करने की मांग हो रही है. साथ ही इस लिमिट को 50,000 रुपये तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है ताकि लोगों को सेविंग्स के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.
टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद
पुराने टैक्स सिस्टम में पिछले कुछ सालों से टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस सिस्टम में हाउस रेंट अलाउंस, होम लोन इंटरेस्ट और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी कई डिडक्शंस का फायदा मिलता है. दूसरी ओर, नए टैक्स सिस्टम में कम टैक्स रेट्स का फायदा है.
80C लिमिट बढ़ाने की मांग
सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की लिमिट 2014-15 में तय की गई थी. इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया जा रहा है ताकि लोग ज्यादा बचत कर सकें.
पुराना बनाम नया टैक्स सिस्टम
पिछले कुछ सालों में सरकार ने नए टैक्स सिस्टम को प्रमोट किया है. 2023-24 में 72% टैक्सपेयर्स ने नया सिस्टम अपनाया. पिछले साल बजट में इसे डिफॉल्ट ऑप्शन बनाया गया, लेकिन पुराना सिस्टम वैकल्पिक रूप से उपलब्ध रहा. इस बार उम्मीद की जा रही है कि पुराने टैक्स सिस्टम में सुधार किया जाएगा, जिससे इसे चुनने वालों को ज्यादा फायदा हो. अब देखना होगा कि 1 फरवरी को बजट में टैक्सपेयर्स के लिए क्या खास घोषणाएं होती हैं.
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