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प्रक्षेपास्त्र

'प्रक्षेपास्त्र' - 18 News Result(s)
  • रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

    रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

    रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद के नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र एवं 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और डोर्नियर विमानों को अद्यतन करना शामिल हैं.‘मेक इन इंडिया’ पहल के ढांचे के तहत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच मिली है.

  • सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एमके-1ए मिसाइल का परीक्षण, देखें तस्वीरें

    सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एमके-1ए मिसाइल का परीक्षण, देखें तस्वीरें

    सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एमके-1ए प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.  सतह से हवा में मार करने वाले इस विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है और यह अपने साथ 60 किलो तक आयुध ले जाने में सक्षम है.

  • अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें

    अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें

    अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.

  • परमाणु मिसाइल अग्नि 2 का परीक्षण, 2000 किलोमीटर तक दूर तक है मारक क्षमता

    परमाणु मिसाइल अग्नि 2 का परीक्षण, 2000 किलोमीटर तक दूर तक है मारक क्षमता

    भारत ने आज ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता से युक्त मध्यम दूरी तक मार करने वाली अग्नि 2 मिसाइल का परीक्षण किया. यह प्रक्षेपास्त्र 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. रक्षा सूत्रों ने कहा कि एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सचल प्रक्षेपक से सुबह करीब आठ बजकर 38 मिनट पर सतह से सतह पर मार करने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का प्रक्षेपण किया गया.

  • ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

    ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

    आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सेंचुरी लगा दी है. थोड़ी देर पहले श्रीहरिकोटा से इसरो का 100वां सैटेलाइट लॉन्च हुआ. इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्‍च किए. PSLV C-40 अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है. इसमें एक भारतीय माइक्रो सैटेलाइट और एक नैनो सैटेलाइट के अलावा 28 छोटे विदेशी उपग्रह हैं. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं. आपको बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

  • ISRO की शतकीय उड़ान: 100वें सैटेलाइट समेत 31 उपग्रह अंतरिक्ष की ओर रवाना, 10 खास बातें

    ISRO की शतकीय उड़ान: 100वें सैटेलाइट समेत 31 उपग्रह अंतरिक्ष की ओर रवाना, 10 खास बातें

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज अंतरिक्ष में शतक लगाया है. सुबह 9.28 पर श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से इसरो अपने 100वें उपग्रह को लॉन्च किया. कार्टोसैट 2 सैटेलाइट से 710 किलो वजनी है. यह निगरानी उपग्रह है और इससे तटीय क्षेत्रों और शहरों की निगरानी के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा. इसमें हाईरेजुलेशन कैमरा लगा है जिससे खींची फोटो का इस्‍तेमाल किया जाएगा. चार स्‍तर पर लॉन्‍च किया जाएगा. ढाई घंटे की ये प्रक्रिया है. सह-यात्री उपग्रहों में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह शामिल है जबकि छह अन्य देशों - कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के तीन माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल किए जा रहे हैं. आपको बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

  • उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और  मिसाइल दागे जाएंगे

    उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और मिसाइल दागे जाएंगे

    उत्तर कोरिया ने कहा है कि जापान पर मिसाइल दागने का कदम अमेरिकी क्षेत्र गुआम को निशाना बनाने वाले सैन्य अभियान की शुरुआत भर है और उसकी योजना ऐसे और मिसाइल दागने की है.  देश की सरकारी समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने बताया है कि मंगलवार के अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली के लॉन्च की निगरानी उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने स्वयं की थी. यह प्योंगयांग से दागी गई पहली मिसाइल थी. 

  • आकाश मिसाइल का लगातार तीसरे दिन सफल परीक्षण

    आकाश मिसाइल का लगातार तीसरे दिन सफल परीक्षण

    भारत ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी तकनीक से विकसित आकाश मिसाइल का परीक्षण किया। इसे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से दागा गया।

  • पाक ने 900 किमी तक मार करने वाली 'शाहीन 1-ए' मिसाइल का किया परीक्षण

    पाक ने 900 किमी तक मार करने वाली 'शाहीन 1-ए' मिसाइल का किया परीक्षण

    पाकिस्तान ने मंगलवार को 'शाहीन 1-ए' प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया है। अखबार 'डॉन' की रपट के मुताबिक, परीक्षण का उद्देश्य प्रक्षेपास्त्र के विभिन्न डिजाइन और तकनीकी मानदंडों का सत्यापन करना था।

  • पाकिस्तान ने पहले स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन, लेसर गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया

    पाकिस्तान ने आज अपने पहले स्वदेशी सशस्त्र प्रक्षेपास्त्र ड्रोन और लेसर गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

  • परमाणु क्षमता से लैस 'अग्नि-5' का दूसरी बार सफल परीक्षण

    सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल एक टन से अधिक वजन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है।

  • अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली का परीक्षण नाकाम : पेंटागन

    अमेरिका की प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली प्रशांत महासागर के ऊपर किए गए परीक्षण में नाकाम रही, क्योंकि इंटरसेप्टर सामने से आ रहे बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना नहीं बना पाया।

  • पानी के भीतर ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण

    भारत ने समुद्र से मार करने वाले तथा ध्वनि की गति से तेज चलने वाले प्रक्षेपास्त्र 'ब्रह्मोस' का बुधवार को आंध्र प्रदेश की समुद्रतट पर बंगाल की खाड़ी में पानी के भीतर सफल परीक्षण किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

  • प्रक्षेपास्त्र रक्षा रुख में बदलाव रूस के कारण नहीं : अमेरिका

    पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा है कि यूरोपीय प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली योजना के एक प्रमुख हिस्से को छोड़ने की वाशिंगटन की योजना का रूस से कोई लेना-देना नहीं है। रूस ने अमेरिका की इस योजना का सख्त विरोध किया था।

  • परमाणु क्षमता वाली 'अग्नि-2' मिसाइल का सफल परीक्षण

    20-मीटर लंबी 'अग्नि-2' दो चरणों वाली, ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका भार 17 टन है और 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है।

'प्रक्षेपास्त्र' - 18 News Result(s)
  • रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

    रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

    रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद के नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र एवं 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और डोर्नियर विमानों को अद्यतन करना शामिल हैं.‘मेक इन इंडिया’ पहल के ढांचे के तहत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच मिली है.

  • सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एमके-1ए मिसाइल का परीक्षण, देखें तस्वीरें

    सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एमके-1ए मिसाइल का परीक्षण, देखें तस्वीरें

    सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एमके-1ए प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.  सतह से हवा में मार करने वाले इस विमानरोधी प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है और यह अपने साथ 60 किलो तक आयुध ले जाने में सक्षम है.

  • अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें

    अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें

    अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.

  • परमाणु मिसाइल अग्नि 2 का परीक्षण, 2000 किलोमीटर तक दूर तक है मारक क्षमता

    परमाणु मिसाइल अग्नि 2 का परीक्षण, 2000 किलोमीटर तक दूर तक है मारक क्षमता

    भारत ने आज ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता से युक्त मध्यम दूरी तक मार करने वाली अग्नि 2 मिसाइल का परीक्षण किया. यह प्रक्षेपास्त्र 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. रक्षा सूत्रों ने कहा कि एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सचल प्रक्षेपक से सुबह करीब आठ बजकर 38 मिनट पर सतह से सतह पर मार करने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का प्रक्षेपण किया गया.

  • ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

    ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्‍काल जानकारी, जानें 10 बातें

    आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सेंचुरी लगा दी है. थोड़ी देर पहले श्रीहरिकोटा से इसरो का 100वां सैटेलाइट लॉन्च हुआ. इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्‍च किए. PSLV C-40 अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है. इसमें एक भारतीय माइक्रो सैटेलाइट और एक नैनो सैटेलाइट के अलावा 28 छोटे विदेशी उपग्रह हैं. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं. आपको बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

  • ISRO की शतकीय उड़ान: 100वें सैटेलाइट समेत 31 उपग्रह अंतरिक्ष की ओर रवाना, 10 खास बातें

    ISRO की शतकीय उड़ान: 100वें सैटेलाइट समेत 31 उपग्रह अंतरिक्ष की ओर रवाना, 10 खास बातें

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज अंतरिक्ष में शतक लगाया है. सुबह 9.28 पर श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से इसरो अपने 100वें उपग्रह को लॉन्च किया. कार्टोसैट 2 सैटेलाइट से 710 किलो वजनी है. यह निगरानी उपग्रह है और इससे तटीय क्षेत्रों और शहरों की निगरानी के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा. इसमें हाईरेजुलेशन कैमरा लगा है जिससे खींची फोटो का इस्‍तेमाल किया जाएगा. चार स्‍तर पर लॉन्‍च किया जाएगा. ढाई घंटे की ये प्रक्रिया है. सह-यात्री उपग्रहों में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह शामिल है जबकि छह अन्य देशों - कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के तीन माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल किए जा रहे हैं. आपको बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

  • उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और  मिसाइल दागे जाएंगे

    उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और मिसाइल दागे जाएंगे

    उत्तर कोरिया ने कहा है कि जापान पर मिसाइल दागने का कदम अमेरिकी क्षेत्र गुआम को निशाना बनाने वाले सैन्य अभियान की शुरुआत भर है और उसकी योजना ऐसे और मिसाइल दागने की है.  देश की सरकारी समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने बताया है कि मंगलवार के अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली के लॉन्च की निगरानी उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने स्वयं की थी. यह प्योंगयांग से दागी गई पहली मिसाइल थी. 

  • आकाश मिसाइल का लगातार तीसरे दिन सफल परीक्षण

    आकाश मिसाइल का लगातार तीसरे दिन सफल परीक्षण

    भारत ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी तकनीक से विकसित आकाश मिसाइल का परीक्षण किया। इसे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से दागा गया।

  • पाक ने 900 किमी तक मार करने वाली 'शाहीन 1-ए' मिसाइल का किया परीक्षण

    पाक ने 900 किमी तक मार करने वाली 'शाहीन 1-ए' मिसाइल का किया परीक्षण

    पाकिस्तान ने मंगलवार को 'शाहीन 1-ए' प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया है। अखबार 'डॉन' की रपट के मुताबिक, परीक्षण का उद्देश्य प्रक्षेपास्त्र के विभिन्न डिजाइन और तकनीकी मानदंडों का सत्यापन करना था।

  • पाकिस्तान ने पहले स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन, लेसर गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया

    पाकिस्तान ने आज अपने पहले स्वदेशी सशस्त्र प्रक्षेपास्त्र ड्रोन और लेसर गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

  • परमाणु क्षमता से लैस 'अग्नि-5' का दूसरी बार सफल परीक्षण

    सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल एक टन से अधिक वजन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है।

  • अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली का परीक्षण नाकाम : पेंटागन

    अमेरिका की प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली प्रशांत महासागर के ऊपर किए गए परीक्षण में नाकाम रही, क्योंकि इंटरसेप्टर सामने से आ रहे बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना नहीं बना पाया।

  • पानी के भीतर ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण

    भारत ने समुद्र से मार करने वाले तथा ध्वनि की गति से तेज चलने वाले प्रक्षेपास्त्र 'ब्रह्मोस' का बुधवार को आंध्र प्रदेश की समुद्रतट पर बंगाल की खाड़ी में पानी के भीतर सफल परीक्षण किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

  • प्रक्षेपास्त्र रक्षा रुख में बदलाव रूस के कारण नहीं : अमेरिका

    पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा है कि यूरोपीय प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली योजना के एक प्रमुख हिस्से को छोड़ने की वाशिंगटन की योजना का रूस से कोई लेना-देना नहीं है। रूस ने अमेरिका की इस योजना का सख्त विरोध किया था।

  • परमाणु क्षमता वाली 'अग्नि-2' मिसाइल का सफल परीक्षण

    20-मीटर लंबी 'अग्नि-2' दो चरणों वाली, ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका भार 17 टन है और 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है।