आकाश मिसाइल की फाइल तस्वीर
बालेश्वर (ओडिशा):
भारत ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी तकनीक से विकसित आकाश मिसाइल का परीक्षण किया। इसे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से दागा गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने कहा, 'आकाश मिसाइल के आज दो और परीक्षण किए गए।' उन्होंने बताया कि मिसाइल ने सफलतापूर्वक यूएवी ‘बंशी’ को निशाना बनाया। सोमवार और मंगलवार को भी ऐसे ही परीक्षण किए गए थे।
उन्होंने कहा, आकाश मिसाइल करीब 25 किलोमीटर की दूरी तक के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है और यह 60 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकती है। आकाश मिसाइल डीआरडीओ द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास प्रणाली के तहत विकसित मध्यम दूरी तक मार करने वाली विमान भेदी रक्षा प्रणाली है।
आकाश मिसाइल रैमजेट-रॉकेट प्रणोदन प्रणाली से चालित है, जो इसे बिना किसी बाधा के लक्ष्य को सुपरसोनिक गति से नष्ट करने में सक्षम बनाती है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने कहा, 'आकाश मिसाइल के आज दो और परीक्षण किए गए।' उन्होंने बताया कि मिसाइल ने सफलतापूर्वक यूएवी ‘बंशी’ को निशाना बनाया। सोमवार और मंगलवार को भी ऐसे ही परीक्षण किए गए थे।
उन्होंने कहा, आकाश मिसाइल करीब 25 किलोमीटर की दूरी तक के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है और यह 60 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकती है। आकाश मिसाइल डीआरडीओ द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास प्रणाली के तहत विकसित मध्यम दूरी तक मार करने वाली विमान भेदी रक्षा प्रणाली है।
आकाश मिसाइल रैमजेट-रॉकेट प्रणोदन प्रणाली से चालित है, जो इसे बिना किसी बाधा के लक्ष्य को सुपरसोनिक गति से नष्ट करने में सक्षम बनाती है।
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