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स्वतंत्रता दिवस से पहले हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स रहा सपाट, इन 5 शेयरों ने मारी बाजी
- Thursday August 14, 2025
- Edited by: शुभम उपाध्याय
सप्ताह के दौरान बेंचमार्क ने वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बेंचमार्क में लगभग 1% का इजाफा हुआ है. निफ्टी ने इस हफ्ते पिछले 6 हफ्ते की सुस्ती को तोड़ा.
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निवेशकों के लिए अच्छी खबर, वित्त वर्ष 2026 में सेंसेक्स-निफ्टी में 8-12% रिटर्न का अनुमान
- Monday March 31, 2025
- Reported by: IANS, Edited by: अनिशा कुमारी
Sensex, Nifty outlook for FY26: वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो सेंसेक्स ने 3,763 अंक (5.10%) और निफ्टी ने 1,192 अंक (5.34%) की बढ़त दर्ज की.
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शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी, वित्त वर्ष 2024-25 में निवेशकों की संपत्ति में 25.90 लाख करोड़ रुपये का उछाल
- Saturday March 29, 2025
- Edited by: अनिशा कुमारी
Indian Stock Market Growth In FY 2024-25 : इस पूरे वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों ने भारी मात्रा में बाजार में निवेश किया, जिससे बाजार में सकारात्मकता बनी रही. इसके अलावा, कई बड़ी कंपनियों के IPO आने और शानदार लिस्टिंग ने भी निवेशकों का भरोसा मजबूत किया.
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कमजोर GDP अनुमान के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 600 अंक टूटा, निफ्टी 23,600 से फिसला
- Wednesday January 8, 2025
- Written by: अनिशा कुमारी
Stock Market Updates 8 January 2025: शेयर बाजार में आज की गिरावट का मुख्य कारण भारत की GDP वृद्धि दर को लेकर जारी किए गए नए आंकड़े हैं, जिसमें आर्थिक विकास की गति धीमी रहने का अनुमान जताया गया है.
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अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ये 12 फैसले क्या काफी हैं?
- Friday September 20, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोशिशें जारी हैं. पिछले 2 महीने में वित्तमंत्री की ओर से देश को मंदी की ओर जाने से रोकने के लिए कई ऐलान किए गए हैं. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कारपोरेट टैक्स घटाकर 30 फीसदी से 25.2 फीसदी कर दिया है. उनके इस ऐलान के बाद शेयर बाजार में तगड़ा उछाल आया और सेंसेक्स 1600 अंकों तक पहुंच गया है. गौरतलब है कि इस तिमाही में देश की विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई है. इसके बाद से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए जीएसटी को वजह बताया. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को कुछ कदम उठाने की सलाह दी. मंदी का सबसे कारण घरेलू बाजार में मांग की कमी है जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित है. इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर दिखाई दे रहा है. वहीं मैन्यूफैक्चरिंग और कृषि के हालात भी ठीक नहीं है. सरकार इससे निपटने के लिए पिछले दो महीने में कई बड़े ऐलान कर चुकी है और कई फैसले भी वापस भी लिए हैं जो बजट के दौरान किए गए थे. हालांकि उसकी ओर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी का असर भारत पर बताया जा रहा है. इससे पहले जो ऐलान किए गए थे उसका स्वागत भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने भी किया है और उम्मीद जताई कि इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
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स्वतंत्रता दिवस से पहले हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स रहा सपाट, इन 5 शेयरों ने मारी बाजी
- Thursday August 14, 2025
- Edited by: शुभम उपाध्याय
सप्ताह के दौरान बेंचमार्क ने वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बेंचमार्क में लगभग 1% का इजाफा हुआ है. निफ्टी ने इस हफ्ते पिछले 6 हफ्ते की सुस्ती को तोड़ा.
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निवेशकों के लिए अच्छी खबर, वित्त वर्ष 2026 में सेंसेक्स-निफ्टी में 8-12% रिटर्न का अनुमान
- Monday March 31, 2025
- Reported by: IANS, Edited by: अनिशा कुमारी
Sensex, Nifty outlook for FY26: वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो सेंसेक्स ने 3,763 अंक (5.10%) और निफ्टी ने 1,192 अंक (5.34%) की बढ़त दर्ज की.
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- Saturday March 29, 2025
- Edited by: अनिशा कुमारी
Indian Stock Market Growth In FY 2024-25 : इस पूरे वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों ने भारी मात्रा में बाजार में निवेश किया, जिससे बाजार में सकारात्मकता बनी रही. इसके अलावा, कई बड़ी कंपनियों के IPO आने और शानदार लिस्टिंग ने भी निवेशकों का भरोसा मजबूत किया.
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कमजोर GDP अनुमान के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 600 अंक टूटा, निफ्टी 23,600 से फिसला
- Wednesday January 8, 2025
- Written by: अनिशा कुमारी
Stock Market Updates 8 January 2025: शेयर बाजार में आज की गिरावट का मुख्य कारण भारत की GDP वृद्धि दर को लेकर जारी किए गए नए आंकड़े हैं, जिसमें आर्थिक विकास की गति धीमी रहने का अनुमान जताया गया है.
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अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ये 12 फैसले क्या काफी हैं?
- Friday September 20, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोशिशें जारी हैं. पिछले 2 महीने में वित्तमंत्री की ओर से देश को मंदी की ओर जाने से रोकने के लिए कई ऐलान किए गए हैं. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कारपोरेट टैक्स घटाकर 30 फीसदी से 25.2 फीसदी कर दिया है. उनके इस ऐलान के बाद शेयर बाजार में तगड़ा उछाल आया और सेंसेक्स 1600 अंकों तक पहुंच गया है. गौरतलब है कि इस तिमाही में देश की विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई है. इसके बाद से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए जीएसटी को वजह बताया. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को कुछ कदम उठाने की सलाह दी. मंदी का सबसे कारण घरेलू बाजार में मांग की कमी है जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित है. इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर दिखाई दे रहा है. वहीं मैन्यूफैक्चरिंग और कृषि के हालात भी ठीक नहीं है. सरकार इससे निपटने के लिए पिछले दो महीने में कई बड़े ऐलान कर चुकी है और कई फैसले भी वापस भी लिए हैं जो बजट के दौरान किए गए थे. हालांकि उसकी ओर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी का असर भारत पर बताया जा रहा है. इससे पहले जो ऐलान किए गए थे उसका स्वागत भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने भी किया है और उम्मीद जताई कि इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
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