Supreme Court On Governor
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फिर तो चुनी गई सरकार राज्यपाल की मर्जी पर निर्भर होगी... सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
- Wednesday August 20, 2025
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल का पद विवेकाधीन शक्तियों के बिना एक पोस्टमैन बनकर रह जाएगा. राज्यपाल पोस्टमैन नहीं हैं. वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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राष्ट्रपति और राज्यपालों को भेजे गए विधेयकों पर फैसला लेने की समयसीमा पर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
- Tuesday August 19, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव
पहले दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने टिप्पणी की कि हम केवल कानून पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करेंगे, राज्यपाल मामले में दिए गए निर्णय पर नहीं.
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राज्यपालों पर समयसीमा आदेश से संवैधानिक संकट का खतरा: केंद्र
- Monday August 18, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रितु शर्मा
इस मामले पर सुनवाई 19 अगस्त से शुरू होगी. पांच जजों की पीठ ये सुनवाई करेगी. केंद्र ने कहा, "अनुच्छेद 142 में निहित अपनी असाधारण शक्तियों के तहत भी, सुप्रीम कोर्ट संविधान में संशोधन नहीं कर सकता या संविधान निर्माताओं की मंशा को विफल नहीं कर सकता, बशर्ते कि संवैधानिक पाठ में ऐसी कोई प्रक्रियागत जनादेश न हों.
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तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की तरह राष्ट्रपति के लिए भी दी समय सीमा
- Saturday April 12, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तिलकराज
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि राज्यों को संविधान के उन प्रावधानों से संबंधित मामलों पर कानून पेश करने से पहले केंद्र सरकार के साथ पूर्व-विधान परामर्श करना चाहिए, जहां राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता हो सकती है.
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दिल्ली में LG को ज्यादा शक्ति देने वाला बिल राज्यसभा में हुआ पारित, तो स्वरा भास्कर ने यूं दिया रिएक्शन
- Thursday March 25, 2021
- Written by: नंदन सिंह
स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने अपने ट्वीट में लिखा: "मैंने एलजी अनिल बैजल (Anil Baijal) को वोट नहीं दिया."
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केरल सरकार से मतभेद नहीं, संवैधानिक मशीनरी धराशायी न हो, यह मेरी जिम्मेदारी : आरिफ मोहम्मद खान
- Friday January 17, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि राज्य सरकार और उनके बीच कोई फर्क नहीं होता है. यह उनकी जिम्मेदारी है कि ऐसी कोई स्थिति न पहुंचे जहां पर संवैधानिक मशीनरी धराशाई हो जाए.
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CAA के खिलाफ केरल सरकार के SC जाने से नाराज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कहा- मैं सिर्फ रबर स्टैंप नहीं
- Thursday January 16, 2020
- Reported by: स्नेहा मेरी कोशी, Edited by: राहुल सिंह
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'ये प्रोटोकॉल और तहजीब का उल्लंघन है. मैं इस पर गौर करूंगा कि क्या राज्य सरकार राज्यपाल की मंजूरी के बिना सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. अगर मंजूरी नहीं तो वो मुझे सिर्फ जानकारी दे सकते थे. वो लोग सु्प्रीम कोर्ट गए हैं, मुझे इसपर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन पहले उन्हें मुझे इसकी जानकारी जरूर देनी चाहिए थी. मैं संवैधानिक तौर पर प्रमुख हूं और मुझे इसके बारे में न्यूज पेपर से पता चलता है. जाहिर है, मैं सिर्फ एक रबर स्टैंप नहीं हूं.'
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नया नहीं है कर्नाटक का 'नाटक': इन राज्यों में मच चुका है सियासी घमासान, पढ़ें ऐसे 5 किस्से
- Friday July 19, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
गुरुवार को विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन एच.डी. कुमारस्वामी ने विश्वासमत हासिल नहीं किया, और स्पीकर ने चर्चा जारी रखी. इसका विरोध करते हुए BJP ने राज्यपाल से गुहार की, जिन्होंने खत लिखकर मुख्यमंत्री से विश्वासमत की प्रक्रिया को गुरुवार को निपटाने के लिए कहा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, और शुक्रवार सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो जाने के बावजूद कांग्रेस ने राज्यपाल द्वारा खत लिखे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटा दिया.
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सीएम नारायणसामी की उम्मीदों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पुडुचेरी की तुलना दिल्ली से नहीं की जा सकती
- Friday July 6, 2018
- भाषा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पुडुचेरी की तुलना दिल्ली के मामले से नहीं की जा सकती क्योंकि पुडुचेरी के शासन का प्रावधान राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित प्रावधान से अलग है. शीर्ष अदालत ने कहा कि पुडुचेरी का मामला केन्द्र शासित प्रदेशों अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन और दीव, दादर नागर हवेली, लक्षद्वीप और चंडीगढ से भी अलग है. पीठ ने कहा कि पुडुचेरी का शासन संविधान के अनुच्छेद 239 ए के अनुसार चलता है जबकि दिल्ली के शासन के लिये पृथक अनुच्छेद 239 एए उपलब्ध है.
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फिर तो चुनी गई सरकार राज्यपाल की मर्जी पर निर्भर होगी... सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
- Wednesday August 20, 2025
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल का पद विवेकाधीन शक्तियों के बिना एक पोस्टमैन बनकर रह जाएगा. राज्यपाल पोस्टमैन नहीं हैं. वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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राष्ट्रपति और राज्यपालों को भेजे गए विधेयकों पर फैसला लेने की समयसीमा पर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
- Tuesday August 19, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव
पहले दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने टिप्पणी की कि हम केवल कानून पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करेंगे, राज्यपाल मामले में दिए गए निर्णय पर नहीं.
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राज्यपालों पर समयसीमा आदेश से संवैधानिक संकट का खतरा: केंद्र
- Monday August 18, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रितु शर्मा
इस मामले पर सुनवाई 19 अगस्त से शुरू होगी. पांच जजों की पीठ ये सुनवाई करेगी. केंद्र ने कहा, "अनुच्छेद 142 में निहित अपनी असाधारण शक्तियों के तहत भी, सुप्रीम कोर्ट संविधान में संशोधन नहीं कर सकता या संविधान निर्माताओं की मंशा को विफल नहीं कर सकता, बशर्ते कि संवैधानिक पाठ में ऐसी कोई प्रक्रियागत जनादेश न हों.
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तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की तरह राष्ट्रपति के लिए भी दी समय सीमा
- Saturday April 12, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तिलकराज
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि राज्यों को संविधान के उन प्रावधानों से संबंधित मामलों पर कानून पेश करने से पहले केंद्र सरकार के साथ पूर्व-विधान परामर्श करना चाहिए, जहां राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता हो सकती है.
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दिल्ली में LG को ज्यादा शक्ति देने वाला बिल राज्यसभा में हुआ पारित, तो स्वरा भास्कर ने यूं दिया रिएक्शन
- Thursday March 25, 2021
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स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने अपने ट्वीट में लिखा: "मैंने एलजी अनिल बैजल (Anil Baijal) को वोट नहीं दिया."
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केरल सरकार से मतभेद नहीं, संवैधानिक मशीनरी धराशायी न हो, यह मेरी जिम्मेदारी : आरिफ मोहम्मद खान
- Friday January 17, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि राज्य सरकार और उनके बीच कोई फर्क नहीं होता है. यह उनकी जिम्मेदारी है कि ऐसी कोई स्थिति न पहुंचे जहां पर संवैधानिक मशीनरी धराशाई हो जाए.
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CAA के खिलाफ केरल सरकार के SC जाने से नाराज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कहा- मैं सिर्फ रबर स्टैंप नहीं
- Thursday January 16, 2020
- Reported by: स्नेहा मेरी कोशी, Edited by: राहुल सिंह
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'ये प्रोटोकॉल और तहजीब का उल्लंघन है. मैं इस पर गौर करूंगा कि क्या राज्य सरकार राज्यपाल की मंजूरी के बिना सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. अगर मंजूरी नहीं तो वो मुझे सिर्फ जानकारी दे सकते थे. वो लोग सु्प्रीम कोर्ट गए हैं, मुझे इसपर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन पहले उन्हें मुझे इसकी जानकारी जरूर देनी चाहिए थी. मैं संवैधानिक तौर पर प्रमुख हूं और मुझे इसके बारे में न्यूज पेपर से पता चलता है. जाहिर है, मैं सिर्फ एक रबर स्टैंप नहीं हूं.'
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नया नहीं है कर्नाटक का 'नाटक': इन राज्यों में मच चुका है सियासी घमासान, पढ़ें ऐसे 5 किस्से
- Friday July 19, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
गुरुवार को विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन एच.डी. कुमारस्वामी ने विश्वासमत हासिल नहीं किया, और स्पीकर ने चर्चा जारी रखी. इसका विरोध करते हुए BJP ने राज्यपाल से गुहार की, जिन्होंने खत लिखकर मुख्यमंत्री से विश्वासमत की प्रक्रिया को गुरुवार को निपटाने के लिए कहा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, और शुक्रवार सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो जाने के बावजूद कांग्रेस ने राज्यपाल द्वारा खत लिखे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटा दिया.
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सीएम नारायणसामी की उम्मीदों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पुडुचेरी की तुलना दिल्ली से नहीं की जा सकती
- Friday July 6, 2018
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पुडुचेरी की तुलना दिल्ली के मामले से नहीं की जा सकती क्योंकि पुडुचेरी के शासन का प्रावधान राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित प्रावधान से अलग है. शीर्ष अदालत ने कहा कि पुडुचेरी का मामला केन्द्र शासित प्रदेशों अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन और दीव, दादर नागर हवेली, लक्षद्वीप और चंडीगढ से भी अलग है. पीठ ने कहा कि पुडुचेरी का शासन संविधान के अनुच्छेद 239 ए के अनुसार चलता है जबकि दिल्ली के शासन के लिये पृथक अनुच्छेद 239 एए उपलब्ध है.
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