Saudi Oil Crisis
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इजरायल-हमास युद्ध : पश्चिम एशिया के लिए क्या हैं मायने
- Tuesday October 17, 2023
- Dr. Jatin Kumar
इजरायल-हमास युद्ध के संदर्भ में यह पहली बार है जब पश्चिम एशिया के देश भी बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने हमले के पहले दिन ही हमास को आड़े हाथ लिया था, वहीं सऊदी अरब भी युद्ध के संदर्भ में संतुलन की नीति पर चलता दिखाई दे रहा है.
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ड्रोन हमले के बाद सऊदी अरब के तेल संकट से भारत में भी पेट्रोल-डीजल हो सकते हैं महंगे
- Wednesday September 18, 2019
सऊदी तेल प्लांट पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. मंगलवार को कच्चा तेल 13 फीसदी से ज़्यादा महंगा हो गया. ये संकट भारत के लिए एक नई चुनौती है. मंगलवार को शेयर बाज़ार 600 अंकों से ज़्यादा गिरा. सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल कारख़ाने पर हुआ ये हमला भारत की आर्थिक सेहत पर भी असर डालता दिख रहा है. फ़िक्र तेल आपूर्ति की नहीं, तेल की क़ीमतों की है. भारत को आश्वासन मिल चुका है कि तेल की सप्लाई नहीं रुकेगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल मंगलवार को 7.84 डॉलर प्रति बैरल महंगा हो गया. हालांकि सरकार का दावा है कि भारत 70 से 75 डॉलर बैरल के दाम से निबटने की क्षमता रखता है. लेकिन अगर संकट लंबा खिंचा तो एक डॉलर प्रति बैरल बढ़ने का मतलब भारत पर सालाना, 10,700 करोड़ डॉलर का बोझ बढ़ना है.
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53.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचे कच्चे तेल के दाम, एक साल के उच्च स्तर पर
- Tuesday October 11, 2016
- AFP
लंदन बाजार में रविवार को ब्रेंट नार्थ सी कच्चे तेल के भाव में करोबार के दौरान डेढ़ डॉलर प्रति बैरल से अधिक का उछाल देखा गया और यह 53.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. एक साल में यह तेल का उच्चतम स्तर है.
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इजरायल-हमास युद्ध : पश्चिम एशिया के लिए क्या हैं मायने
- Tuesday October 17, 2023
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इजरायल-हमास युद्ध के संदर्भ में यह पहली बार है जब पश्चिम एशिया के देश भी बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने हमले के पहले दिन ही हमास को आड़े हाथ लिया था, वहीं सऊदी अरब भी युद्ध के संदर्भ में संतुलन की नीति पर चलता दिखाई दे रहा है.
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ड्रोन हमले के बाद सऊदी अरब के तेल संकट से भारत में भी पेट्रोल-डीजल हो सकते हैं महंगे
- Wednesday September 18, 2019
सऊदी तेल प्लांट पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. मंगलवार को कच्चा तेल 13 फीसदी से ज़्यादा महंगा हो गया. ये संकट भारत के लिए एक नई चुनौती है. मंगलवार को शेयर बाज़ार 600 अंकों से ज़्यादा गिरा. सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल कारख़ाने पर हुआ ये हमला भारत की आर्थिक सेहत पर भी असर डालता दिख रहा है. फ़िक्र तेल आपूर्ति की नहीं, तेल की क़ीमतों की है. भारत को आश्वासन मिल चुका है कि तेल की सप्लाई नहीं रुकेगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल मंगलवार को 7.84 डॉलर प्रति बैरल महंगा हो गया. हालांकि सरकार का दावा है कि भारत 70 से 75 डॉलर बैरल के दाम से निबटने की क्षमता रखता है. लेकिन अगर संकट लंबा खिंचा तो एक डॉलर प्रति बैरल बढ़ने का मतलब भारत पर सालाना, 10,700 करोड़ डॉलर का बोझ बढ़ना है.
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53.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचे कच्चे तेल के दाम, एक साल के उच्च स्तर पर
- Tuesday October 11, 2016
- AFP
लंदन बाजार में रविवार को ब्रेंट नार्थ सी कच्चे तेल के भाव में करोबार के दौरान डेढ़ डॉलर प्रति बैरल से अधिक का उछाल देखा गया और यह 53.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. एक साल में यह तेल का उच्चतम स्तर है.
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