Sabarimala Verdict
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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल डील को बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन पर कल फैसला सुनाएगा SC
- Wednesday November 13, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को बरकरार रखने और सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को बरकरार रखने के 14 दिसंबर, 2018 फैसला सुनाया था. इसके बाद इसके खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल की गई थी. वहीं, सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही याचिकाओं पर भी गुरुवार को ही फैसला सुनाया जाएगा.
- ndtv.in
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10 दिन में 'अयोध्या' सहित 4 ऐतिहासिक फैसले सुनाकर CJI रंजन गोगोई बहुत कुछ बदल सकते हैं भारत में
- Thursday November 7, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे और उनकी जगह पर 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बन जाएंगे. लेकिन इन 10 दिनों में जस्टिस गोगोई को कई ऐसे फैसले सुनाने हैं जिससे भारत में बहुत कुछ बदल जाएगा या इन फैसलों का असर काफी 'प्रभावकारी' हो सकता है. जब हम नवंबर महीने में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में अयोध्या विवाद आता है
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सबरीमाला मंदिर फैसले पर पुनर्विचार को सुप्रीम कोर्ट तैयार, 22 जनवरी को खुली अदालत में होगी सुनवाई
- Tuesday November 13, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट में फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर की गई सभी 49 याचिकाओं पर 22 जनवरी से सुनवाई की जाएगी। 22 जनवरी को पांच जजों की बेंच पहले इस मामले की सुनवाई करेगी, हो सकता है कि इसके बाद इस मामले को सात जजों की बेंच को भेज दिया जाए, क्योंकि पांच जजों की बेंच पहले ही फैसला दे चुकी है, जिस पर पुनर्विचार किया जाएगा।
- ndtv.in
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Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके
- Friday September 28, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.
- ndtv.in
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Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है.
- ndtv.in
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जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी.
- ndtv.in
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Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
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Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया
- Friday September 28, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
- ndtv.in
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क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाना है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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CJI दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को होंगे रिटायर, सुप्रीम कोर्ट से इस महीने आ सकते हैं कई ऐतिहासिक फैसले
- Tuesday September 4, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
इस महीने सुप्रीम कोर्ट से कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले आएंगे. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे, लेकिन इससे पहले वह कई चर्चित मामलों की सुनवाई करेंगे. ऐसे में उनकी अगुवाई में बेंच ने कई अहम मुद्दों की सुनवाई की जिन पर फैसला सुरक्षित रखा गया. अब ये बड़े फैसले कभी भी एक के बाद एक आ सकते हैं. जिन चर्चित मामलों में सीजेआई दीपक मिश्रा फैसला सुना सकते हैं उनमें आधार, अयोध्या मामला, समलैंगिकता, सबरीमाला मंदिर मामला और नौकरी में आरक्षण सहित कई अहम मामले शामिल हैं.
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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल डील को बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन पर कल फैसला सुनाएगा SC
- Wednesday November 13, 2019
- Edited by: आरिफ खान मंसूरी
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को बरकरार रखने और सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को बरकरार रखने के 14 दिसंबर, 2018 फैसला सुनाया था. इसके बाद इसके खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल की गई थी. वहीं, सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही याचिकाओं पर भी गुरुवार को ही फैसला सुनाया जाएगा.
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10 दिन में 'अयोध्या' सहित 4 ऐतिहासिक फैसले सुनाकर CJI रंजन गोगोई बहुत कुछ बदल सकते हैं भारत में
- Thursday November 7, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे और उनकी जगह पर 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बन जाएंगे. लेकिन इन 10 दिनों में जस्टिस गोगोई को कई ऐसे फैसले सुनाने हैं जिससे भारत में बहुत कुछ बदल जाएगा या इन फैसलों का असर काफी 'प्रभावकारी' हो सकता है. जब हम नवंबर महीने में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में अयोध्या विवाद आता है
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सबरीमाला मंदिर फैसले पर पुनर्विचार को सुप्रीम कोर्ट तैयार, 22 जनवरी को खुली अदालत में होगी सुनवाई
- Tuesday November 13, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट में फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर की गई सभी 49 याचिकाओं पर 22 जनवरी से सुनवाई की जाएगी। 22 जनवरी को पांच जजों की बेंच पहले इस मामले की सुनवाई करेगी, हो सकता है कि इसके बाद इस मामले को सात जजों की बेंच को भेज दिया जाए, क्योंकि पांच जजों की बेंच पहले ही फैसला दे चुकी है, जिस पर पुनर्विचार किया जाएगा।
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Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके
- Friday September 28, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.
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Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है.
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जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला
- Friday September 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी.
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Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
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केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
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Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया
- Friday September 28, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
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क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
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केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाना है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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CJI दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को होंगे रिटायर, सुप्रीम कोर्ट से इस महीने आ सकते हैं कई ऐतिहासिक फैसले
- Tuesday September 4, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
इस महीने सुप्रीम कोर्ट से कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले आएंगे. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे, लेकिन इससे पहले वह कई चर्चित मामलों की सुनवाई करेंगे. ऐसे में उनकी अगुवाई में बेंच ने कई अहम मुद्दों की सुनवाई की जिन पर फैसला सुरक्षित रखा गया. अब ये बड़े फैसले कभी भी एक के बाद एक आ सकते हैं. जिन चर्चित मामलों में सीजेआई दीपक मिश्रा फैसला सुना सकते हैं उनमें आधार, अयोध्या मामला, समलैंगिकता, सबरीमाला मंदिर मामला और नौकरी में आरक्षण सहित कई अहम मामले शामिल हैं.
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